एसबीआई का मुनाफा मार्च तिमाही में मार्जिन कम होने से घटा
अनुराग पाण्डेय
- 03 May 2025, 07:49 PM
- Updated: 07:49 PM
मुंबई, तीन मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकीकृत शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च तिमाही में 8.34 प्रतिशत घटकर 19,600 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 21,384 करोड़ रुपये था।
बैंक ने शनिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि शुद्ध ब्याज मार्जिन में गिरावट के कारण यह गिरावट आई है।
देश के सबसे बड़े ऋणदाता का एकल आधार पर शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में घटकर 18,642 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 20,698 करोड़ रुपये था।
बैंक ने बताया कि कम शुद्ध ब्याज मार्जिन के कारण 12 प्रतिशत से अधिक की ऋण वृद्धि के बावजूद बैंक की मुख्य शुद्ध ब्याज आय 2.69 प्रतिशत बढ़कर 42,775 करोड़ रुपये हो गई।
एनआईएम 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3.15 प्रतिशत पर आ गया। हालांकि, एकीकृत आधार पर कुल आय वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में बढ़कर 1,79,562 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,64,914 करोड़ रुपये थी।
एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि नए वित्त वर्ष में एनआईएम (शुद्ध ब्याज मार्जिन) पर दबाव, खासकर आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में कटौती के बाद बना रहेगा, क्योंकि इसके 27 प्रतिशत ऋण रेपो से जुड़े हैं।
एनआईएम पर कोई लक्ष्य दिए बिना शेट्टी ने कहा कि नीतिगत दरों में की गई कार्रवाई को बैंक की जमा लागत में बदलने में 12-18 महीने लगेंगे। उन्होंने कहा कि नीतिगत हस्तांतरण तभी पूरा होगा जब परिसंपत्तियों और देनदारियों दोनों की लागतों का पुनर्मूल्यन होगा।
शेट्टी ने कहा कि बैंक नए वित्त वर्ष के लिए 12-13 प्रतिशत ऋण वृद्धि का लक्ष्य बना रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि शुल्क युद्धों का ऋण वृद्धि पर भी असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि व्यापार नीतियों में बदलाव के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितताओं के कारण कंपनियां अपनी निवेश योजनाओं पर धीमी गति से आगे बढ़ेंगी, जिसका बैंकों की ऋण वृद्धि पर प्रभाव पड़ेगा।
वर्तमान में, एसबीआई के पास 3.4 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट ऋण पाइपलाइन हैं। ये कर्ज पहले स्वीकृत किए गए लेकिन अभी तक वितरित नहीं किए गए लोन और भविष्य की आवश्यकताओं पर बातचीत के बीच समान है।
बैंक के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा कि ऋण की मांग बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, डेटा सेंटर और वाणिज्यिक वास्तविकता क्षेत्रों से आ रही है।
वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में बैंक की अन्य आय बढ़कर 24,210 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 17,369 करोड़ रुपये थी।
पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने असुरक्षित व्यक्तिगत ऋणों में 0.49 प्रतिशत की वृद्धि की। शेट्टी ने कहा कि बैंक इस उत्पाद पर तेजी से काम करेगा क्योंकि उसे इसमें कोई चुनौती नहीं दिख रही है।
भाषा अनुराग