खरगे ने प्रधानमंत्री पर राजधर्म निभाने में विफल रहने का आरोप लगाया
हक माधव पवनेश
- 03 May 2025, 09:22 PM
- Updated: 09:22 PM
नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा की शुरुआत के दो साल पूरा होने के मौके पर शनिवार को केंद्र सरकार से विधानसभा चुनाव जल्द कराने का आग्रह किया और आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बावजूद हालात सामान्य नहीं हुए हैं।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में आज भी हिंसक घटनाएं नहीं रुकी हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजधर्म निभाने में एक बार फिर विफल रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि मणिपुर के लोगों के प्रति इतनी उदासीनता और तिरस्कार क्यों है और राजनीतिक जवाबदेही कहां है?
मणिपुर में तीन मई, 2023 को हिंसा शुरू हुई थी। इस हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल और बेघर हो गए।
खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, " मणिपुर में दो साल से हिंसा हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री के पैर वहां नहीं पड़े। हिंसा तीन मई, 2023 को शुरू हुई और अब भी जारी है। अभी दो दिन पहले ही तामेंगलांग जिले में हुई हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हो गए थे।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "नरेन्द्र मोदी जी, मणिपुर आपकी यात्रा, शांति और सामान्य स्थिति की वापसी का इंतजार कर रहा है।"
उन्होंने दावा किया, "जनवरी, 2022 में मणिपुर में आपकी आखिरी चुनावी रैली के बाद से आपने दुनिया भर में 44 विदेशी दौरे और देश भर में 250 घरेलू दौरे किए हैं, फिर भी आपने मणिपुर में एक सेकंड भी नहीं बिताया है।"
खरगे ने सवाल किया, "मणिपुर के लोगों के प्रति इतनी उदासीनता और तिरस्कार क्यों? राजनीतिक जवाबदेही कहां है?"
खरगे ने दावा किया कि केंद्र और राज्य का प्रशासन अभी भी मणिपुर में विफल है तथा हिंसा की घटनाएं नहीं रुक रही हैं।
खरगे ने आरोप लगाया, "मोदी जी, आप राजधर्म निभाने में एक बार फिर विफल रहे।"
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, " आज से ठीक दो साल पहले मणिपुर में हिंसा की शुरुआत हुई थी। फरवरी 2022 में विधानसभा चुनावों में राज्य की जनता ने भाजपा और उसके सहयोगियों को निर्णायक जनादेश दिया था, जिसके बाद यह आपदा उस पर हावी हो गई।"
उन्होंने दावा किया कि तीन मई, 2023 को जो शुरू हुआ, वह राज्य में तथाकथित डबल इंजन सरकार का पटरी से उतरना था।
उन्होंने कहा कि इसके तीन महीने बाद उच्चतम न्यायालय को यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ा कि राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
रमेश के अनुसार, राज्य विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए मोदी सरकार ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और अंततः 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लगा दिया।
उन्होंने कहा, "मणिपुर आज भी पीड़ा से गुजर रहा है। राजनीतिक खेल खेले जा रहे हैं। कोई सार्थक समाधान प्रक्रिया नहीं चल रही है। 60,000 से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्ति भारी तनाव की स्थिति में राहत शिविरों में रह रहे हैं।"
कांग्रेस नेता ने दावा किया, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रधानमंत्री मणिपुर से लगातार बचते रहे हैं। उन्होंने राज्य के किसी भी व्यक्ति से मुलाकात नहीं की है। वह पूरी दुनिया में घूम चुके हैं लेकिन उन्हें संकटग्रस्त राज्य का दौरा करने और वहां के लोगों तक पहुंचने के लिए समय नहीं मिला।"
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मणिपुर का प्रबंधन 'आउटसोर्स' किया है, लेकिन वह बड़े असफल साबित हुए हैं।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी सप्तगिरि उलाका ने केंद्र से यह आग्रह भी किया कि राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव कराये जाएं ताकि वहां जनता की सरकार का गठन हो और मणिपुर में शांति स्थापित की जा सके।
मणिपुर में हिंसा भड़कने के दो साल पूरा होने के मौके पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम अपेक्षा करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर के लोगों को आश्वासन देंगे और वहां जो भी घटनाएं घटी हैं, उनकी जिम्मेदारी लेंगे। नरेन्द्र मोदी आज तक मणिपुर नहीं गए और अब गृह मंत्री अमित शाह भी मणिपुर नहीं जा रहे हैं। "
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी मणिपुर में हालात सामान्य नहीं है
भाषा हक माधव