पानी मुद्दे पर केंद्र सरकार पंजाब सरकार को स्पष्ट निर्देश क्यों नहीं दे रही : सुरजेवाला
आशीष नरेश
- 04 May 2025, 07:05 PM
- Updated: 07:05 PM
(फाइल फोटो के साथ)
चंडीगढ़, चार मई (भाषा) पंजाब और हरियाणा जल बंटवारे को लेकर जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को इस मुद्दे पर केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार को निर्देश दे कि वह हरियाणा के पानी के आवंटन में कोई बाधा उत्पन्न न करे।
हरियाणा के कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में भाखड़ा बांध पर पंजाब पुलिसकर्मियों की कथित तैनाती का भी जिक्र किया और दावा किया कि इससे हरियाणा को पानी छोड़ने में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने मांग की कि केंद्र को इसे ‘‘अवैध कब्जे’’ से मुक्त कराना चाहिए।
राज्यसभा सदस्य सुरजेवाला ने पूछा कि आखिर क्या कारण है कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार संविधान के अनुच्छेद 257 (कुछ मामलों में राज्यों पर केंद्र के नियंत्रण से संबंधित) के तहत मान सरकार को लिखित आदेश जारी नहीं कर रही है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि केंद्र सरकार हरियाणा का पानी न रोकने का निर्देश क्यों नहीं देती।
उन्होंने मांग की कि मोदी सरकार को भाखड़ा-नांगल बांध परियोजना की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंप देनी चाहिए।
पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच गतिरोध शनिवार को और बढ़ गया, जब पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक का बहिष्कार किया और हरियाणा में एक सर्वदलीय बैठक में मान सरकार से बिना शर्त पानी छोड़ने को कहा गया।
आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया है और दावा किया है कि पड़ोसी राज्य ने ‘‘मार्च तक आवंटित पानी का 103 प्रतिशत इस्तेमाल कर लिया है।’’
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने शुक्रवार को बीबीएमबी के उस निर्णय का समर्थन किया था, जिसमें राज्य की तत्काल जल आवश्यकताओं को पूरा करने के वास्ते अगले आठ दिन के लिए भाखड़ा बांध से हरियाणा को 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था।
पंजाब में जनवरी 2027 में विधानसभा चुनाव होने का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने दावा किया कि ‘‘जानबूझकर चुप्पी साधकर और कार्रवाई न करके, भाजपा भगवंत मान को हीरो बनाने की कोशिश कर रही है, ताकि किसी भी कीमत पर कांग्रेस को पंजाब में सत्ता में आने से रोका जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाखड़ा नांगल बांध के पानी को लेकर जानबूझकर विवाद पैदा किया गया, जबकि यह पूरी तरह से टाला जा सकता था। तथ्य यह है कि इस समय बांध में 1,556 फुट पानी है। मापदंडों के अनुसार बांध का जलस्तर न्यूनतम 1,506 फुट तक बनाए रखा जाना चाहिए।’’
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘अगर हरियाणा को प्रतिदिन 8500 क्यूसेक पानी दिया जाता है तो 21 मई तक बांध का वर्तमान जलस्तर 1556 फुट से घटकर मात्र 1532 फुट रह जाएगा जो न्यूनतम स्तर से काफी ऊपर है। तो ऐसी स्थिति में किसी राज्य को क्या आपत्ति हो सकती है? लेकिन जानबूझकर आपत्तियां पैदा की जा रही हैं ताकि भाजपा मान की डूबती नैया को सहारा दे सके।’’
उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में विशेषकर कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, फतेहाबाद, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और सिरसा जिलों में स्थिति गंभीर है।
उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण गांवों के तालाब लगभग सूख गए हैं और मवेशी प्यास से मरने के कगार पर हैं। उन्होंने दावा किया कि टैंकर माफिया हर जगह मौजूद हैं और वे प्रति टैंकर 1,000 रुपये वसूल रहे हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री केवल बयानबाजी में व्यस्त हैं जबकि केंद्र इस मुद्दे पर ‘‘सो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि बीबीएमबी मनोहर लाल खट्टर के अधीन केंद्रीय बिजली मंत्रालय का हिस्सा है और यह पंजाब और हरियाणा के लिए पानी का हिस्सा तय करता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाखड़ा-नांगल बांध भी पूरी तरह से बीबीएमबी और बिजली मंत्रालय के अधीन है, लेकिन इसने कोई निर्देश नहीं दिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एक मई को पंजाब सरकार ने भाखड़ा-नांगल बांध पर पुलिस तैनात कर दी तथा बांध के नियंत्रण द्वार से पानी छोड़ने वाली पूरी प्रणाली को बंद कर दिया तथा पंजाब पुलिस ने चाबियां अपने कब्जे में ले लीं ताकि हरियाणा का पानी न छोड़ा जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों राज्यों के शांतिप्रिय लोगों के बीच टकराव की स्थिति पैदा की जा रही है...अगर वे इस तरह पानी रोकेंगे तो कल हरियाणा कह सकता है कि हम पंजाब के वाहनों को राज्य से गुजरने नहीं देंगे...।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी राज्य ने पुलिस तैनात करके इस तरह से केंद्रीय परियोजना पर कब्जा किया है।’’
सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और बिजली मंत्री से संपर्क न करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी पर भी निशाना साधा और कहा कि हरियाणा का उच्चतम न्यायालय जाना उनकी ‘‘नयी नौटंकी’’ होगी।
भाषा आशीष