शिअद प्रमुख बादल ने पंजाब-हरियाणा जल विवाद में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की
प्रीति नरेश
- 04 May 2025, 09:26 PM
- Updated: 09:26 PM
चंडीगढ़, चार मई (भाषा) शिरोमणी अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को नांगल बांध के पानी में हरियाणा की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग को पंजाब के संसाधनों की ‘‘खुलेआम लूट’’ करार दिया और इस विवाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की।
शिअद के अध्यक्ष बादल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे या किसी अन्य मुद्दे पर पंजाब के खिलाफ किसी भी ‘‘भेदभाव’’ की मूक गवाह नहीं बनी रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग शांतिपूर्वक ढंग से करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य के साथ कोई अन्याय न हो।’’
दोनों राज्यों के बीच नया विवाद तब शुरू हुआ जब पंजाब सरकार ने कुछ दिन पहले हरियाणा को और पानी छोड़े जाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने दावा किया था, ‘‘हरियाणा पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103 प्रतिशत उपयोग कर चुका है।’’
पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को अधिक पानी देने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
दोनों के बीच विवाद तब और बढ़ गया जब आप सरकार ने अपने पड़ोसी राज्य को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया था। वहीं, हरियाणा सरकार ने कहा था कि वह राज्य के ‘‘पानी के उचित हिस्से’’ की रक्षा करेगी।
बादल ने अपने पत्र में कहा कि हरियाणा पहले ही नदियों के पूरे हिस्से से अधिक पानी का उपयोग कर चुका है और पहले ही यह उसे ‘‘अनुचित’’ तरीके से आवंटित किया गया है क्योंकि उस पानी पर उसका कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के प्रति कृतज्ञ होने के बजाय वह (हरियाणा) बेशर्मी से और अधिक पानी की मांग कर रहा है।’’
बादल ने कहा, ‘‘गैर-तटीय राज्य द्वारा पंजाब के नदी जल पर बढ़ती और पूरी तरह से तर्कहीन मांगों से एक नया विवाद उपज गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल, इसे नदी जल विवाद नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये सीधे तौर पर हमारे प्राकृतिक संसाधनों की लूट है। पहले ही राजस्थान और हरियाणा को पंजाब के एकमात्र प्राकृतिक संसाधन नदी जल का अवैध लाभार्थी बना दिया गया है जबकि यह ‘रिपेरियन सिद्धांत’ का उल्लंघन है।’’
‘रिपेरियन सिद्धांत’ का अर्थ होता है कि जिस राज्य में जल संसाधन होता है उसी राज्य का इस पर अधिकार होता है।
बादल ने कहा, ‘‘न तो राजस्थान और न ही हरियाणा रिपेरियन राज्य है।’’
उन्होंने कहा कि शिअद ने लगातार इस पक्षपात का विरोध किया है।
बादल ने लिखा, ‘‘मैं देश को सावधान करना चाहता हूं कि सिर्फ एक कारण से त्रासदी हो सकती है। इन कारणों को दूर करना और उस त्रासदी की पुनरावृत्ति को रोकना राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए। हम कोई पक्षपात नहीं, केवल न्याय चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे इस तरह के किसी भी अन्याय को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने तथा हमारे देशभक्त सीमावर्ती राज्य के खिलाफ अन्य क्षेत्रों में पहले से हो रहे भेदभाव को समाप्त करने के लिए उचित कदम उठाने का अनुरोध करता हूं।’’
भाषा प्रीति