कर्नाटक के बेलगावी में कर्नल सोफिया कुरैशी का घर बना देशभक्ति का प्रतीक
जोहेब रंजन
- 08 May 2025, 07:54 PM
- Updated: 07:54 PM
(फोटो के साथ)
बेलागावी, आठ मई (भाषा) कर्नाटक के बेलागावी जिले के कोन्नूर गांव में मोहम्मद गौस सब बागेवाड़ी का घर राष्ट्रीय गौरव का केंद्र बन गया है, जहां आगंतुकों और शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है, वजह है कि उनकी पुत्रवधू कर्नल सोफिया कुरैशी पहलगाम आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए चलाए गए भारतीय सशस्त्र बलों के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में टीवी पर जानकारी देने के लिए आई थीं।
कर्नल कुरैशी गौस सब बागेवाड़ी के बेटे ताजुद्दीन बागेवाड़ी की पत्नी हैं। उन्हें आसियान प्लस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'फोर्स 18' में सैन्य दल का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी होने का गौरव प्राप्त है।
कर्नल कुरैशी जम्मू में तैनात हैं जबकि उनके पति झांसी में कार्यरत हैं।
गौस सब बागेवाड़ी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे कल दोपहर को पता चला। जब मैंने उन्हें (सोफिया कुरैशी) टीवी पर देखा तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुबह से ही लोग हमें बधाई देने के लिए हमारे घर आ रहे हैं।”
उन्होंने बृहस्पतिवार को अपने बेटे से बात करने का जिक्र किया, लेकिन बहू से बात करने का मौका नहीं मिल सका।
बागेवाड़ी के अनुसार, बुधवार को जब कर्नल कुरैशी टेलीविजन पर दिखाई दीं तो उनके घर में उत्सव का माहौल बन गया।
उन्होंने कहा, "यह ईद जैसा जश्न था। हमारे सभी रिश्तेदार और दोस्त हमारे घर आकर हमसे मिल रहे हैं।"
समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की भारी भीड़ उनके आवास के बाहर एकत्र हुई और 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' व 'जय हिंद' के नारे लगाए।
पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए बागेवाड़ी ने कहा, "जिन आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी, उनमें मानवता नहीं है। वे शैतान हैं। अल्लाह भी उन्हें माफ नहीं करेगा। उन्हें अपने कर्मों की सजा यहीं मिलेगी।"
पड़ोसी देश के बारे में उन्होंने कहा, "पाकिस्तान एक राक्षस है। यह कभी सामने से हमला नहीं करता। यह हमेशा पीछे से निशाना बनाता है।"
बागेवाड़ी ने अपने इलाके में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर जोर दिया, जहां मराठों समेत विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं।
उन्होंने कहा, "मेरे सभी पड़ोसी यह देखकर गौरवान्वित हैं कि मेरे बच्चे सेना में सेवाएं दे रहे हैं। वे बेहद खुश थे। उन्होंने मुझे आमंत्रित किया और मेरा सम्मान किया। हम यहां एक परिवार की तरह रह रहे हैं।"
उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके बच्चे देश के लिए लड़ते रहेंगे और अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटेंगे।
भाषा जोहेब