रेलयात्री से हाथापाई का वीडियो वायरल, रेलमंत्री से 70,000 रुपये का कैमरा वापस दिलाने की गुहार लगाई
शुभम माधव
- 09 May 2025, 08:17 PM
- Updated: 08:17 PM
(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) बलवान दास (26) नामक एक रेलयात्री ने झगड़े के दौरान अपना 70,000 रुपये का कैमरा खो दिया, जिसके बाद उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इसे वापस पाने में मदद करने की गुहार लगाई है।
दास का एक वीडियो सात मई को वायरल हुआ था, जिसमें खानपान सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी 'राजस्थान होटल' के कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से अधिक पैसे वसूलने और उनके हिंसक व्यवहार का खुलासा किया गया था।
वीडियो वायरल होने के बाद रेल मंत्रालय ने राजस्थान होटल का अनुबंध रद्द कर दिया, पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया और दास के साथ मारपीट करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
दास एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं और जम्मू के कठुआ में रहते हैं।
'एक्स' पर उनका नाम मिस्टर विशाल शर्मा है। वह ट्रेनों में पेंट्री कर्मचारियों के अनुचित व्यवहार को उजागर करने के लिए छिपे हुए कैमरों और फोन दोनों का उपयोग करके वीडियो बनाते हैं।
उन्होंने कहा, "मैंने अपना छिपा हुआ कैमरा खो दिया है जिसकी कीमत 70,000 रुपये है। मुझे संदेह है कि पेंट्री कर्मचारी इसे अपने साथ ले गया होगा। मैं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इसे वापस पाने में मदद करने की गुहार लगाता हूं।"
हेमकुंट एक्सप्रेस की विशेष घटना का विवरण साझा करते हुए दास ने कहा कि वह छह मई को शाम करीब पांच बजे ऋषिकेश से ट्रेन में सवार हुए और ट्रेन के रवाना होने के तुरंत बाद उन्होंने पेंट्री कर्मचारियों से पानी की एक बोतल खरीदी।
दास ने बताया, "कर्मचारी ने पानी की बोतल के लिए 20 रुपये लिए और 15 रुपये की रेल नीर की जगह उसने मुझे कोई स्थानीय ब्रांड का पानी दिया। मैंने नूडल्स, कॉफी आदि जैसे अन्य खाद्य पदार्थ खरीदे और बिल मांगा, जिसे कर्मचारी ने देने से मना कर दिया।"
उन्होंने कहा, "मैं ऐसी गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए एक गुप्त कैमरा, इंस्टा 360 रखता हूं। जब कर्मचारियों ने अधिक पैसे मांगे तो मैंने 139 पर शिकायत दर्ज कराई, जिसके जवाब में मुझे संदेश मिला कि विक्रेता के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।"
दास ने बताया कि रात करीब नौ बजे जब वह सोने की तैयारी कर रहे थे तभी एक पेंट्री कर्मचारी आया और उनसे ट्रेन की पेंट्री कार में आने को कहा, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया।
दास ने बताया, "सात मई की सुबह करीब 2:00 बजे जब ट्रेन मुकेरियां और पठानकोट के बीच थी, मुझे पेंट्री कर्मचारी ने मेरी बर्थ पर अचानक जगा दिया। वे चिल्ला रहे थे और मुझे नीचे खींचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वे असफल रहे क्योंकि मैंने बर्थ के हैंडल पर अपना पैर सुरक्षित कर लिया था।"
उन्होंने कहा, "उनमें से दो लोग ऊपर की बर्थ पर चढ़ गए और मुक्कों से मुझ पर हमला किया। उन्होंने मेरा गला घोंटने की कोशिश की, लेकिन मैंने उन्हें पीछे धकेल दिया। लगभग 15 मिनट तक हंगामा होता रहा और फिर वे मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए वापस चले गए। मैंने हमले के बारे में 139 पर एक और शिकायत दर्ज कराई। अपने गंतव्य कठुआ पहुंचने पर मैं ट्रेन से उतर गया और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की मदद से मुझे राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के पास औपचारिक शिकायत दर्ज कराने में मदद मिली।"
दास इससे पहले भी अन्य ट्रेनों में भी कई खानपान कर्मचारियों द्वारा अधिक पैसे लेने, बिना ब्रांड वाले खाद्य पदार्थ बेचने और खानपान नियमों का उल्लंघन करने के मामलों को उजागर कर चुके हैं।
भाषा
शुभम