डीजीपी ने बदलापुर कांड के आरोपी की मुठभेड़ में मौत के मामले में जांच के लिए नई एसआईटी बनाई
वैभव मनीषा
- 15 May 2025, 11:14 AM
- Updated: 11:14 AM
मुंबई, 15 मई (भाषा) महाराष्ट्र पुलिस के महानिदेशक ने बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत की जांच के लिए एक नए विशेष जांच दल का गठन किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि डीजीपी रश्मि शुक्ला ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी का नेतृत्व मीरा-भयंदर-वसई-विरार (एमबीवीवी) पुलिस से संबद्ध अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्ता शिंदे करेंगे, जो एक उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी हैं।
दल में पिंपरी चिंचवड़ से एक पुलिस उपायुक्त, एक सहायक पुलिस आयुक्त, दो वरिष्ठ निरीक्षक (जिनमें से एक नवी मुंबई से हैं), दो सहायक पुलिस निरीक्षक, एक उप निरीक्षक और एक सहायक उप निरीक्षक शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि डीसीपी और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के अलावा सभी अधिकारी एमबीवीवी आयुक्तालय से हैं। उन्होंने बताया कि एसआईटी ने अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से मामले से संबंधित सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं और नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। पहले मामले की जांच सीआईडी कर रही थी।
अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्ता शिंदे ठाणे और नवी मुंबई में काम कर चुके हैं और इस इलाके को जानते हैं। वह पालघर में पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं।
ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो किंडरगार्टन छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे (24) की पुलिस की गोलीबारी में मौत हो गई थी। शिंदे ने 23 सितंबर, 2024 को तलोजा केंद्रीय कारागार से बदलापुर पुलिस थाने ले जाते समय कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर गोलियां चला दीं।
शिंदे के परिवार ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि यह फर्जी मुठभेड़ थी। चूंकि सीआईडी ने उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया, इसलिए अदालत ने निर्देश दिया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम की अध्यक्षता में एक एसआईटी मामले की जांच करे।
इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने राज्य के डीजीपी को एक नई एसआईटी गठित करने का आदेश दिया।
अधिकारी ने बताया कि आदेश में यह भी कहा गया कि नई प्राथमिकी दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि मुंब्रा पुलिस थाने में पहले से ही एक मामला दर्ज है।
भाषा वैभव