शिकॉगो एक्सचेंज टूटने से सोयाबीन के साथ-साथ सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट
राजेश राजेश अजय
- 15 May 2025, 07:39 PM
- Updated: 07:39 PM
नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) शिकॉगो एक्सचेंज में भारी गिरावट के बाद देश के तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सोयाबीन तेल-तिलहन के साथ-साथ सरसों तेल-तिलहन कीमतें भी प्रभावित होने से इन दोनों के दाम हानि के साथ बंद हुए। वहीं, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।
मलेशिया एक्सचेंज में घट-बढ़ का रुख है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में भारी गिरावट है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मौजूदा समय में सोयाबीन और मूंगफली का उतार चढ़ाव, सरकार पर निर्भर करता है क्योंकि सरकार इन दोनों तिलहनों की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे हाजिर बाजार के दाम के हिसाब से कर रही है। चूंकि शिकॉगो एक्सचेंज में भारी गिरावट है इसलिए सोयाबीन तेल-तिलहन में भी गिरावट आई। वैसे भी एमएसपी से कम दाम पर सरकारी बिकवाली के कारण सोयाबीन के सभी अंशधारकों को नुकसान हो रहा है, लेकिन इसकी गिरावट के असर से सरसों भी बचा नहीं रहा और सरसों तेल-तिलहन के दाम में भी गिरावट आई। सोयाबीन का हाजिर दाम एमएसपी से लगभग 10 प्रतिशत कम है और मूंगफली का हाजिर दाम भी एमएसपी से लगभग 15 प्रतिशत नीचे है। मूंगफली पहले से नीचे चल रही है और इसलिए इसके दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि पाम-पामोलीन का दाम सोयाबीन के आसपास है और जब सोयाबीन की बुरी हालत है, तो ऐसी स्थिति में पाम-पामोलीन तब तक नहीं खपेगा, जब तक कि इसका दाम सोयाबीन से पर्याप्त रूप से कम नहीं होगा। वैसे भी मलेशिया में पाम-पामोलीन का उत्पादन बढ़ने का समय है, इसके बावजूद दाम जितना घटना चाहिये था, उतना घटता दिख नहीं रहा। ऐसी स्थिति में सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें भी पूर्वस्तर पर बनी रहीं।
उन्होंने कहा कि कम उपलब्धता के बीच बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को सोयाबीन के साथ मूंगफली की बिजाई पूरी होने तक सोयाबीन और मूंगफली की बिक्री रोक देने के बारे में विचार करना चाहिये। इनकी बिक्री रोकने अथवा जारी रखने पर ही इन दोनों फसलों के किसानों का फायदा और इनकी अगली बुवाई का क्षेत्रफल निर्भर करता है। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देकर इन दोनों के ही बाजार बनाने की ओर ध्यान देना होगा।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,450-6,550 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 5,750-6,125 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,410-2,510 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,410-2,545 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,775 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,250 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,500-4,550 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,250-4,300 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश