वर्ष 2024-25 के निर्यात में कृषि,औषधि, इलेक्ट्रॉनिक,इंजीनियरिंग की 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी
निहारिका मनीषा
- 16 May 2025, 12:14 PM
- Updated: 12:14 PM
नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) देश के वस्तु निर्यात में वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि, औषधि, इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग सामान की कुल हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक रही। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
यह विनिर्माण और मूल्यवर्धित निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयासों के बीच विविध क्षेत्रों में देश की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के 437.42 अरब डॉलर के निर्यात में इंजीनियरिंग वस्तुओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक 26.67 प्रतिशत रही। कृषि, औषधि और इलेक्ट्रॉनिक सामान का योगदान क्रमशः 11.85 प्रतिशत, 6.96 प्रतिशत और 8.82 प्रतिशत रहा।
इलेक्ट्रॉनिक सामान क्षेत्र में सबसे अधिक 32.46 प्रतिशत की निर्यात वृद्धि दर्ज की गई जो 2023-24 में 29.12 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 38.58 अरब डॉलर हो गया। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 23.6 अरब डॉलर और 2021-22 में 15.7 अरब डॉलर था।
इसमें कंप्यूटर हार्डवेयर तथा पेरिफेरल्स (जिसकी इस क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है) में 101 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 0.7 अरब डॉलर से दोगुना होकर 1.4 अरब डॉलर हो गया।
इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए मुख्य गंतव्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन और इटली थे।
इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात सालाना आधार पर 6.74 प्रतिशत बढ़कर 116.67 अरब डॉलर हो गया। दवाओं तथा औषधि का निर्यात 9.4 प्रतिशत बढ़कर 30.47 अरब डॉलर रहा जबकि कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों का निर्यात 2024-25 में 7.36 प्रतिशत बढ़कर 51.86 अरब डॉलर हो गया।
इंजीनियरिंग सामानों के लिए मुख्य निर्यात गंतव्य अमेरिका, यूएई, सऊदी अरब, ब्रिटेन और जर्मनी रहे।
वित्त वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक इस क्षेत्र में निर्यात 73-83 अरब डॉलर के बीच रहा। 2021-22 में यह बढ़कर 112.2 अरब डॉलर हो गया था और तब से 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक बना हुआ है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की दवाएं एवं औषधि अब 200 से अधिक देशों तक पहुंच रही हैं। इसका निर्यात 2014-15 से लगातार बढ़ रहा है।
कृषि क्षेत्र में मसालों, कॉफी, चाय, तंबाकू, चावल, फल और सब्जियों तथा समुद्री उत्पाद में स्वस्थ वृद्धि दर्ज की गई। 2023-24 में 4.25 अरब डॉलर से 2024-25 में मसालों का निर्यात मामूली रूप से बढ़कर 4.45 अरब डॉलर हो गया।
प्रमुख निर्यात गंतव्यों में चीन, अमेरिका, यूएई, बांग्लादेश और थाईलैंड शामिल हैं जहां मिर्च, जीरा, हल्दी और अदरक जैसे उत्पाद का निर्यात सबसे अधिक किया गया।
दूसरी ओर, भारत का कॉफी निर्यात 2023-24 में 1.29 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 1.81 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
भारत, दुनिया में सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है जो इटली, रूस, जर्मनी, यूएई, बेल्जियम और अमेरिका को इनका निर्यात करता है। इन देशों को मुख्य तौर पर रोबस्टा कॉफी का निर्यात किया जाता है।
इसी तरह, 2024-25 में तंबाकू निर्यात 1.98 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 में 1.45 अरब डॉलर था।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक है, जिसके प्रमुख निर्यात गंतव्यों में यूएई, बेल्जियम, इंडोनेशिया, मिस्र, अमेरिका और तुर्किऐ शामिल हैं।
भारत का चावल निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 12.5 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 2023-24 में 10.4 अरब डॉलर था। इससे देश लगभग 40 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ शीर्ष वैश्विक निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखेगा।
इसके प्रमुख गंतव्यों में सऊदी अरब, ईरान, इराक, यूएई, अमेरिका और यमन शामिल थे।
फलों और सब्जियों का निर्यात 2023-24 में 3.7 अरब डॉलर से बढ़कर 3.9 अरब डॉलर हो गया।
भारत ने दो श्रेणियों के तहत अंगूर, अनार, आम, केले, संतरे, प्याज, आलू, टमाटर, मिश्रित सब्जियां और हरी मिर्च का निर्यात किया। बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, नेपाल और मलेशिया सबसे बड़े आयातक में शामिल थे।
वित्त वर्ष 2024-25 में समुद्री उत्पादों का निर्यात 7.2 अरब डॉलर रहा।
भारतीय समुद्री उत्पादों का आयात करने वाले देशों की संख्या भी 2014-15 में 105 से बढ़कर 2024-25 में 130 हो गई।
भाषा निहारिका