न्यायालय ने गैंगस्टर मामले में उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी की जमानत शर्तों में ढील दी
राजकुमार नरेश
- 16 May 2025, 04:16 PM
- Updated: 04:16 PM
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर कानून के एक मामले में विधायक अब्बास अंसारी पर लगाई गई जमानत की शर्त में शुक्रवार को ढील देते हुए उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ के दौरे के दौरान गाजीपुर में घर पर रहने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की गोपनीय रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए इस अदालत के सात मार्च के आदेश में संशोधन कर दिया। सात मार्च के आदेश में दिवंगत गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर जमानत के लिए कई शर्तें लगाई गई थीं।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने शीर्ष अदालत से कहा कि अब्बास अंसारी पिछले दो-तीन तारीखों से अपने खिलाफ मामलों में पेश नहीं हो रहे हैं।
इस पर न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि उन पर लगाई गई पाबंदियां इसका कारण हो सकती हैं।
अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने खंडपीठ से कहा कि पिछले छह महीनों में विधायक न तो अपने लखनऊ के सरकारी आवास से बाहर निकले हैं और न ही अपने निर्वाचन क्षेत्र में गए है।
सिब्बल ने अपने मुवक्किल की ओर से कहा,‘‘मेरा मऊ निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ से 350 किलोमीटर दूर है। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर उसी दिन कैसे वापस आ सकता हूं? गाजीपुर में मेरा घर निर्वाचन क्षेत्र से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है, कृपया मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के दौरान वहां रहने की अनुमति दें।’’
पीठ ने अब्बास अंसारी को अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के दौरान लगातार तीन रात रुकने की अनुमति दी, लेकिन उनपर अपने प्रवास के दौरान किसी भी राजनीतिक बैठक में भाग लेने पर पाबंदी लगा दी।
पीठ ने उन्हें राज्य सरकार द्वारा दाखिल की गयी स्थिति रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने की भी अनुमति दी।
उच्चतम न्यायालय ने अब्बास अंसारी को राज्य सरकार द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने की भी अनुमति दी।
शीर्ष अदालत ने सात मार्च को इस मामले में अब्बास अंसारी को छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी और उन्हें लखनऊ में अपने सरकारी आवास में रहने और मऊ में अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेने को कहा था।
इस मामले में जमानत मिलने से अब्बास अंसारी की कासगंज जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि वह पहले से ही अपने खिलाफ दर्ज अन्य आपराधिक मामलों में जमानत पर थे।
शीर्ष अदालत ने लंबित मामलों पर सार्वजनिक रूप से बोलने से अब्बास अंसारी को रोकते हुए उनके द्वारा द्वारा जमानत शर्तों के अनुपालन पर पुलिस से छह सप्ताह में गोपनीय स्थिति रिपोर्ट मांगी थी।
अब्बास अंसारी को चार नवंबर, 2022 को अन्य आपराधिक मामलों में हिरासत में लिया गया और छह सितंबर, 2024 को गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त 2024 को अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धाराओं दो और तीन के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इन पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप लगाया गया था।
भाषा राजकुमार