न्यायमूर्ति त्रिवेदी का विदाई समारोह आयोजित न करने पर प्रधान न्यायाधीश ने एससीबीए की आलोचना की
प्रशांत माधव
- 16 May 2025, 04:34 PM
- Updated: 04:34 PM
नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने शुक्रवार को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी के लिए सामान्य विदाई समारोह आयोजित नहीं करने के ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) के फैसले की निंदा की।
प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति त्रिवेदी और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली औपचारिक पीठ की अध्यक्षता करते हुए कहा, “मुझे खुले तौर पर इसकी निंदा करनी चाहिए, क्योंकि मैं स्पष्ट रूप से बोलने में विश्वास करता हूं...एसोसिएशन (एससीबीए) को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था।”
प्रधान न्यायाधीश ने एससीबीए अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल तथा उपाध्यक्ष रचना श्रीवास्तव की कार्यवाही के दौरान उपस्थिति के लिए प्रशंसा की। बार निकाय ने शाम को न्यायमूर्ति त्रिवेदी के लिए सामान्य (विदाई) समारोह आयोजित नहीं किया था।
उन्होंने कहा, “मैं कपिल सिब्बल और रचना श्रीवास्तव का आभारी हूं, वे दोनों यहां मौजूद हैं। लेकिन एसोसिएशन ने जो रुख अपनाया है, मैं उसकी खुले तौर पर निंदा करता हूं... ऐसे मौके पर एसोसिएशन को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था”
सीजेआई ने कहा, “इसलिए मैं सिब्बल और श्रीवास्तव की मौजूदगी के लिए खुले दिल से उनकी सराहना करता हूं। निकाय द्वारा पारित किये गये प्रस्ताव के बावजूद वे यहां आए हैं।....जो इस बात की पुष्टि करती है कि वह एक बहुत अच्छी न्यायाधीश हैं। न्यायाधीश कई तरह के होते हैं, लेकिन यह ऐसा कारण नहीं होना चाहिए जिससे (उन्हें) वह न दिया जाए जो उनका दिया जाना चाहिए था।”
न्यायमूर्ति मसीह ने भी इसी प्रकार की भावनाएं व्यक्त कीं।
न्यायमूर्ति मसीह ने कहा, “अजीब बात है, जैसा कि प्रधान न्यायाधीश ने पहले ही व्यक्त किया है, मुझे खेद है, लेकिन मुझे कहना होगा कि परंपराओं का पालन किया जाना चाहिए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। मुझे यकीन है कि अच्छी परंपराएं हमेशा जारी रहनी चाहिए।”
प्रधान न्यायाधीश ने अपने संबोधन में न्यायमूर्ति त्रिवेदी की जिला न्यायपालिका से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने तथा कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ न्याय करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा, “उन्हें हमेशा निष्पक्षता, दृढ़ता, सावधानी, कड़ी मेहनत, निष्ठा , समर्पण, ईमानदारी के लिए याद किया जाना चाहिए...।”
प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय न्यायमूर्ति त्रिवेदी की ईमानदारी और निष्पक्षता का समर्थन करता है।
परंपरा के अनुसार, एससीबीए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए विदाई समारोह आयोजित करता है और न्यायमूर्ति त्रिवेदी के मामले में एक असाधारण निर्णय लिया गया, जो संभवतः बार निकाय से संबद्ध वकीलों के विरुद्ध गए कुछ निर्णयों के कारण हुआ।
नियमों के पालन में कठोर न्यायाधीश मानी जाने वाली न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने जाली वकालतनामा का इस्तेमाल कर शीर्ष अदालत में कथित तौर पर फर्जी याचिका दायर करने के संबंध में कुछ वकीलों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
उन्होंने वकीलों के प्रति दया दिखाये जाने के बार के पदाधिकारियों के कई अनुरोध को खारिज कर दिया था।
हाल ही में न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने एक याचिका दायर करने में कथित कदाचार के लिए कुछ वकीलों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का आह्वान किया था और बाद में उनकी माफी स्वीकार करने से मना कर दिया था।
सुनवाई के दौरान उन्होंने इस बात पर दुख जताया था कि कुछ बार पदाधिकारी उन पर साथी वकीलों के खिलाफ कठोर आदेश पारित न करने का दबाव बना रहे थे।
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