चेन्नईः छात्रों की परीक्षा केंद्र में बिजली न होने की याचिका पर अदालत ने नीट-स्नातक परिणाम रोका
अमित पवनेश
- 17 May 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
चेन्नई, 17 मई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने यहां एक परीक्षा केंद्र पर बिजली गुल होने के कारण प्रभावित कई छात्रों की याचिका पर सुनवाई के बाद प्राधिकारियों के नीट-स्नातक-2025 परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति वी. लक्ष्मीनारायणन ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई 2 जून को करना निर्धारित किया।
छात्रों की दलील का सार यह था कि उनके परीक्षा केंद्र पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय सीआरपीएफ-अवाडी, चेन्नई में परीक्षा की तिथि, यानी 4 मई, 2025 को तूफान और भारी वर्षा के कारण लगभग अपराह्न 3.00 बजे से शाम 4.15 बजे तक बिजली गुल हो गई थी।
तेरह छात्रों के हलफनामे के अनुसार, वहां जेनरेटर या इनवर्टर जैसी कोई बैकअप सुविधा नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें खराब रोशनी में परीक्षा देने के लिए मजबूर किया गया और परीक्षा हॉल में बारिश का पानी घुस गया, जिससे और अधिक व्यवधान उत्पन्न हुआ, क्योंकि हमें निर्धारित सीट से हटने के लिए कहा गया।’’
याचिकाकर्ता ने कहा कि व्यवधान के बावजूद परीक्षा अधिकारियों ने प्रभावित छात्रों को कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया, इसी कारण वे परीक्षा पूरी नहीं कर पाये।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि उन्हें अन्य केंद्रों के अभ्यर्थियों की तुलना में बहुत असमान परीक्षा स्थितियों का सामना करना पड़ा, जो संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि साथ ही, अनुच्छेद 21 (जीवन, स्वतंत्रता की सुरक्षा) के तहत अधिकारों का भी उल्लंघन किया गया था।
याचिकाकर्ताओं ने कहा, ‘‘नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा में समान अवसर सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जो याचिकाकर्ताओं को नहीं मिला।’’
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 4 मई को समय पर प्रतिवेदन और अनुवर्ती प्रयासों के बावजूद, प्रतिवादी अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं की वास्तविक शिकायतों को स्वीकार या उनका समाधान नहीं किया है।
प्रतिवादियों में केंद्र सरकार, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी शामिल हैं।
भाषा अमित