प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री नीतीश के पैतृक गांव में जाने से रोका गया
धीरज संतोष
- 18 May 2025, 08:47 PM
- Updated: 08:47 PM
बिहारशरीफ, 18 मई (भाषा) जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को रविवार को प्रशासन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में प्रवेश करने से रोक दिया।
किशोर नालंदा जिले के अपने दौरे के दौरान कल्याण बिगहा गांव के स्थानीय लोगों से बातचीत करना चाहते थे।
किशोर मुख्यमंत्री के पैतृक गांव से सरकार के ‘अधूरे’ वादों पर जवाब मांगने के लिए अपनी पार्टी का हस्ताक्षर अभियान शुरू करना चाहते थे, लेकिन जिला प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया।
अधिकारियों ने कहा कि जन सुराज पार्टी ने कल्याण बिगहा में ऐसी सभा आयोजित करने के लिए पूर्व में अनुमति नहीं ली थी।
नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जन सुराज पार्टी ने 18 मई को बिहार शरीफ (नालंदा जिला मुख्यालय) में एक जनसभा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी... जिला प्रशासन ने उन्हें अनुमति दे दी थी। पार्टी ने कल्याण बिगहा में ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं मांगी थी... यही कारण है कि उन्हें गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।’’
जिलाधिकारी ने कहा,‘‘किसी विशेष स्थान पर जनसभा आयोजित करने के लिए पुलिस सहित जिला प्रशासन द्वारा काफी तैयारियां की जानी चाहिए। यही कारण है कि ऐसी सभाओं के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य है। चूंकि उन्हें 18 मई को केवल बिहारशरीफ में जनसभा आयोजित करने की अनुमति दी गई थी,... इसलिए उन्हें बिहारशरीफ में उसी स्थान पर जाने के लिए कहा गया, जिसके लिए अनुमति दी गई थी।’’
किशोर को जहां रोका गया, वहां उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि वह स्थानीय लोगों से बातचीत करना चाहते थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में स्थिति जानने के लिए स्थानीय लोगों से बातचीत करना चाहता था। लेकिन मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है। यह नीतीश कुमार की सरकार है। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दरभंगा में छात्रों के साथ बातचीत कार्यक्रम आयोजित करने से रोका था। अब वे मेरे साथ ऐसा कर रहे हैं।’’
जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ तू-तू मैं-मैं में किशोर को यह कहते हुए सुना गया, ‘‘क्या आप मुझे गांव में प्रवेश करने से रोकेंगे? क्या मुझे गांव में जाने के लिए अनुमति की आवश्यकता है? मैं चाहता हूं कि आप इसे लिखित में दें, और फिर मैं लौट जाऊंगा। हम कानून का पालन करने वाले लोग हैं...।’’
उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को यह कहते हुए सुना गया, ‘‘आपको अनुमति की आवश्यकता है, क्योंकि कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है।’’
बाद में प्रशांत किशोर बिहारशरीफ गए और वहां सभा को संबोधित किया और हस्ताक्षर अभियान की भी शुरुआत की। पार्टी ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर सरकार के ‘अधूरे’ वादों पर जवाब मांगा।
हस्ताक्षर अभियान तीन बिंदुओं पर केंद्रित होगा जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये देने, महादलित परिवारों को तीन डिसमिल जमीन देने के नीतीश कुमार सरकार के वादे और चल रहे भूमि सर्वेक्षण में भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल होगा।
इससे पहले किशोर ने कहा था कि जन सुराज पार्टी का प्रतिनिधिमंडल 11 जुलाई तक राज्य के 40,000 गांवों में एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र करेगा।
भाषा धीरज