छात्र जीवन में बड़े उद्योगपतियों का विरोध करने वाले युवा अंततः उनके लिए काम करने लगते हैं: हिमंत
खारी रंजन
- 18 May 2025, 08:48 PM
- Updated: 08:48 PM
गुवाहाटी, 18 मई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को दावा किया कि वर्तमान समय में वामपंथी और उदारवादी विचारधाराएं ‘‘अब बीती बातें’’ हो गई हैं और कहा कि छात्र जीवन में बड़े उद्योगपतियों का विरोध करने वाले युवा जीवन में आगे चलकर ऐसे व्यापारिक घरानों के लिए काम करते हैं।
शर्मा ने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राज्य में निवेशकों का स्वागत जरूरी हो गया है और अपील की कि लोगों को ‘‘बड़े युवा नेता के जाल’’ में नहीं फंसना चाहिए। हालांकि उन्होंने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया।
लगभग 22,900 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन से जुड़े समारोह में शर्मा ने ये बातें कहीं। इन समझौता ज्ञापन पर इस साल फरवरी में आयोजित ‘एडवांटेज असम 2.0’ शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘वामपंथी और उदारवादी विचारधाराएं अब बीती बातें हो चुकी हैं। छात्र जीवन में वामपंथी विचारधारा से प्रभावित होने वाले युवा जब नौकरी की तलाश में बाहर जाते हैं तो इसका मतलब यह है कि वे इन विचारधाराओं पर टिक नहीं पाए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने की कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ता है तो उन्हें उन्हीं व्यापारिक घरानों में नौकरी तलाशनी पड़ती है जिनका उन्होंने छात्र जीवन में विरोध किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम टाटा, अदाणी, अंबानी जैसे बड़े नामों का विरोध कर सकते हैं; लेकिन जब बाद में नौकरी पाने की बात आती है तो लोग उनके लिए काम करते हैं।’’
शर्मा ने कहा कि राज्य में निवेशकों का स्वागत करना आवश्यक है, ताकि दूसरे शहरों में 7,000-8,000 रुपये के मामूली मासिक वेतन पर रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को अपने घर के पास नौकरी मिल सके।
उन्होंने कहा कि अगर युवाओं को राज्य से बाहर जाकर बड़ी कंपनियों में इतनी मामूली रकम पर काम करना पड़ता है तो उन निवेशकों को हमारे राज्य में क्यों नहीं लाया जाता?
शर्मा ने दावा किया राज्य के 20 लाख युवा कम वेतन वाले पदों पर बाहर काम कर रहे हैं और उन्हें श्रम कानूनों या सामाजिक सुरक्षा के तहत कोई सुरक्षा नहीं मिलती।
उन्होंने कहा कि युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए निवेशकों का स्वागत करना आवश्यक है।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम ‘किसी बड़े युवा नेता’ के बहकावे न आएं। हम समझदार हो चुके हैं। हमारे लिए हमारे 20 लाख युवाओं का जीवन और भविष्य इस नेता से अधिक महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा कि गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य इस ‘‘बहकावे’’ में नहीं आए और अब सबसे समृद्ध राज्यों में से हैं।
भाषा खारी