महाराष्ट्र : फडणवीस के मंत्रिमंडल का विस्तार, राकांपा नेता छगन भुजबल हुए शामिल
यासिर मनीषा
- 20 May 2025, 12:18 PM
- Updated: 12:18 PM
मुंबई, 20 मई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पांच महीने पुराने राज्य मंत्रिमंडल का मंगलवार को विस्तार किया और इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता छगन भुजबल को मंत्री के तौर पर शामिल किया गया।
मंत्रिमंडल में भुजबल के शामिल होने के साथ ही यहां राज्य सरकार में अब कुल 39 मंत्री हो गए हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 19 मंत्री, शिवसेना के 11 और राकांपा के नौ मंत्री शामिल हैं।
भुजबल (77) को यहां राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्ण ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पद की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अंत भला तो सब भला।’’ उन्होंने कहा कि वह किसी विशेष विभाग की आकांक्षा नहीं रखते।
राज्य में जाना-माना ओबीसी चेहरा माने जाने वाले भुजबल का राजनीतिक करियर दशकों पुराना और उतार-चढ़ाव भरा रहा है। पिछले वर्ष दिसंबर में फडणवीस ने जब पहली बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था उस समय उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया था। तब भुजबल ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की थी।
राकांपा के दिग्गज नेता धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद मार्च में मुंडे ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
मंत्रिमंडल के संबंध में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के उस नेता को बढ़ावा देने के फैसले पर सवाल उठाया, जो लगातार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का विरोध करता रहा है।
अंतरवाली सराठी गांव में जरांगे ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अजित पवार को उन लोगों को बढ़ावा देने के परिणामों का एहसास होना चाहिए जिन्होंने जातिवाद फैलाया और मराठा आरक्षण का पुरजोर विरोध किया।’’
ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता ने भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले एक अस्थायी राहत बताया।
जरांगे ने फडणवीस पर प्रमुख मराठा नेताओं को धीरे-धीरे से दरकिनार करने का आरोप लगाया।
भुजबल, जरांगे की ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण की मांग के मुखर विरोधी रहे हैं।
भाषा यासिर