राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के प्रबंधन में खेल मंत्रालय के शामिल होने से आईओए में असहजता
आनन्द सुधीर
- 20 May 2025, 05:49 PM
- Updated: 05:49 PM
नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) भारत की 2036 ओलंपिक की दावेदारी का हवाला देते हुए खेल मंत्रालय ने प्रमुख घरेलू प्रतियोगिताओं के आयोजन की प्रक्रिया और समय सीमा पर निर्देश जारी किये हैं जिससे भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में कुछ असहजता पैदा हो गई है।
आईओए, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) और राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को जारी छह पन्नों के निर्देश में मंत्रालय ने कहा कि यह जरूरी है कि राष्ट्रीय खेल और चैंपियनशिप ‘अपने राष्ट्रीय स्तर के महत्व’ का सम्मान करें।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ आईओए / पीसीआई / एनएसएफ को ओलंपिक और पैरालंपिक चक्र के मुताबिक अपनी एक प्रणाली अपनाकर वार्षिक कैलेंडर पहले ही प्रकाशित करना होगा। इससे सभी हितधारकों को अपने मुताबिक योजना बनाने और संसाधनों को आवंटित करने का पूरा मौका मिल सकेगा।’’
इसमें कहा गया, ‘‘खेल संहिता के अनुसार वार्षिक मान्यता प्रक्रिया के समय इसके अनुपालन की समीक्षा की जाएगी।’’
मंत्रालय ने निर्देश दिया कि खेल तकनीकी आचरण समिति, राष्ट्रीय खेलों में शामिल खेलों की सूची और प्रतिभागियों के लिए पात्रता मानदंड आयोजन से कम से कम छह महीने पहले बता दिए जाने चाहिए।
मंत्रालय ने आईओए और एनएसएफ को निर्देश दिया कि वे वास्तविक शुरुआत से कम से कम 45 दिन पहले आयोजित होने वाले खेल कार्यक्रमों का ब्यौरा प्रस्तुत करें।
आईओए और एनएसएफ को यह भी सलाह दी गयी है कि वे ‘‘डोपिंग रोधी, आयु-धोखाधड़ी, यौन उत्पीड़न की रोकथाम, एथलीट कल्याण एवं सुरक्षा (व्हिसल ब्लोअर और रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल) और शिकायत निवारण उपायों के संबंध में उठाये जाने वाले कदमों का लिखित विवरण प्रदान करें।’’
आईओए की ओर से हालांकि कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन विश्वसनीय रूप से पता चला है कि संस्था इन निर्देशों से खुश नहीं है। वह इसे एनएसएफ और आईओए के अधिकार क्षेत्र में सरकारी हस्तक्षेप के रूप में देख रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि विवादों का त्वरित समाधान किसी भी खेल आयोजन का एक अनिवार्य पहलू है और सभी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में एथलीटों और अधिकारियों की शिकायतों को निपटाने के लिए एक मजबूत तदर्थ पैनल होना चाहिए।
एनएसएफ और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन मानती है।
मंत्रालय ने स्वीकार किया कि ओलंपिक चार्टर, पैरालंपिक चार्टर और राष्ट्रीय खेल विकास संहिता ‘आईओए, पीसीआई और एनएसएफ को उनकी संबद्ध इकाइयों के सहयोग से राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय चैंपियनशिप जैसे आयोजनों के संचालन के लिए स्वायत्तता और जिम्मेदारी प्रदान करती है।’
उन्होंने हालांकि कहा कि इन आयोजनों में मंत्रालय की भी अपनी भूमिका है। मंत्रालय इन आयोजनों के पदक विजेताओं को ‘विभिन्न सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों का लाभ उठाने’ का अवसर प्रदान करता है।
इसमें ‘शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और भर्तियों में खेल कोटा लाभ, तथा विभिन्न शासन उपकरणों के तहत उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ियों के रूप में मान्यता के अवसर’ शामिल हैं।
भाषा आनन्द