अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर बानू मुश्ताक को कई लोगों ने बधाई दी
सुरभि मनीषा
- 21 May 2025, 01:38 PM
- Updated: 01:38 PM
बेंगलुरु, 21 मई (भाषा) कन्नड़ लघु कथा संग्रह के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर लेखिका बानू मुश्ताक के लिए बधाई संदेशों का तांता लग गया है। कई लोगों ने इसे सभी कन्नड़भाषियों के लिए गौरव का क्षण बताया और कहा है कि उनके काम ने भाषा और उसके साहित्य की जीवंतता को विश्व स्तर पर फैलाया है।
लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से वकील मुश्ताक का लघु कथा संग्रह ‘हृदय दीप’ (हार्ट लैंप) मंगलवार रात लंदन में प्रतिष्ठित 50,000 पाउंड का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला कन्नड़ लघु कथा संग्रह बन गया।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उनकी इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कन्नड़ की महानता का झंडा बुलंद किया है।
सिद्धरमैया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘साहित्य के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली गौरवशाली कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को हार्दिक बधाई। यह कन्नड़, कन्नड़ भाषियों और कर्नाटक के लिए जश्न मनाने का समय है।’’
उन्होंने कहा कि इस भूमि के सद्भाव, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे के सच्चे मूल्यों को मूर्त रूप देते हुए लिखने वाली बानू मुश्ताक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कन्नड़ की महानता का झंडा बुलंद किया है और हम सभी को सम्मान दिलाया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं कामना करता हूं कि वह कई और वर्षों तक सार्थक लेखन करती रहें और कन्नड़ भाषा को दुनिया तक पहुंचाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सभी कन्नड़ लोगों की ओर से मैं प्रतिभाशाली लेखिका दीपा भास्ती को भी बधाई देना चाहूंगा, जिन्होंने मुश्ताक की पुरस्कार विजेता कृति ‘हृदय दीप’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया है।’’
केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लेखिका की प्रशंसा की।
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘यह सभी कन्नड़ लोगों के लिए गर्व का क्षण है। हमारे राज्य की गौरवशाली लेखिका बानू मुश्ताक को हार्दिक बधाई, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।’’
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘इस बुकर पुरस्कार विजेता कृति का अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए लेखिका दीपा भास्ती को भी बधाई। मुझे उम्मीद है कि बानू मुश्ताक ऐसी और बेहतरीन कृतियों की रचना करती रहेंगी। कन्नड़ साहित्य जगत उनके द्वारा समृद्ध हो और कन्नड़ की खुशबू दुनिया भर में फैले।’’
दुनिया भर की छह पुस्तकों में से चुनी गई मुश्ताक की कृति ने पारिवारिक और सामुदायिक तनावों को चित्रित करने की अपनी ‘‘मजाकिया, हाजिरजवाबी, जीवंत, आम बोलचाल की भाषा वाली, मार्मिक और कटु’’ शैली के कारण निर्णायकों को आकर्षित किया।
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने मुश्ताक की उपलब्धि को कर्नाटक के गौरव का परचम लहराने के समान बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘कन्नड़ साहित्य के गौरव का परचम लहराने के लिए बानू मुश्ताक को बधाई। यह गर्व की बात है कि कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक की लघु कथाओं के संग्रह ‘हार्ट लैंप’ ने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। यह पहली बार है कि किसी कन्नड़ रचना को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। बानू मुश्ताक और इस रचना का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली दीपा भास्ती को हार्दिक बधाई।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने अपने बधाई संदेश में कहा कि यह सभी कन्नड़ लोगों के लिए गर्व की बात है कि पहली बार किसी कन्नड़ कृति को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं बानू मुश्ताक को बधाई देता हूं, जिन्होंने कन्नड़ भाषा और साहित्य की जीवंतता को दुनिया में फैलाया है और कन्नड़ लोगों को गौरवान्वित किया है। मैं कामना करता हूं कि उन्हें और अधिक सम्मान और गौरव मिले, जिससे कन्नड़ साहित्य जगत वैश्विक स्तर पर फले-फूले।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कन्नड़ लोगों की ओर से प्रतिभाशाली लेखिका दीपा भास्ती को हार्दिक बधाई, जिन्होंने प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार जीतने वाली किताब का अनुवाद किया।’’
भाषा सुरभि