ईडी छापों के बीच उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने परमेश्वर का समर्थन किया, उन्हें 'ईमानदार' बताया
अमित नरेश
- 22 May 2025, 03:36 PM
- Updated: 03:36 PM
बेंगलुरु, 22 मई (भाषा) सोना तस्करी मामले से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से जुड़े संस्थानों पर बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी जारी रहने के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी का जोरदार समर्थन करते हुए उन्हें ‘‘साफ-सुथरा एवं ईमानदार व्यक्ति’’ बताया।
ईडी हवाला ऑपरेटर और अन्य ऑपरेटर को निशाना बनाकर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापेमारी कर रहा है, जिन पर अभिनेत्री रान्या राव के खातों में "फर्जी" लेनदेन करने का आरोप है। रान्या को पहले सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने परमेश्वर का बचाव करते हुए कहा, "उन्होंने किसी पारिवारिक समारोह या विवाह के दौरान राव को 15-25 लाख रुपये का उपहार दिया होगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने उन्हें (रान्या) तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।"
संघीय जांच एजेंसी ने राव के मामले सहित भारत में बड़े सोना तस्करी गिरोह के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कुछ महीने पहले पीएमएलए के तहत एक मामला दर्ज किया था।
शिवकुमार ने कहा, "मैंने परमेश्वर से बात की, मैं सुबह उनसे मिलने गया था। उन्होंने 15-25 लाख रुपये दिए हैं, हम सार्वजनिक जीवन में हैं, कई लोग ट्रस्ट चलाते हैं। किसी पारिवारिक समारोह या शादी में उपहार दिए गए होंगे। क्या परमेश्वर जैसा प्रभावशाली व्यक्ति उन्हें (रान्या) तस्करी जैसे अवैध कामों में लिप्त होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।"
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यदि उन्होंने (राव ने) कुछ गलत किया है तो उन्हें कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "जहां तक परमेश्वर का सवाल है, वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं, वह राज्य के गृह मंत्री हैं, हमें उन पर गर्व है, वह एक बड़े नेता हैं। वह आठ साल तक (प्रदेश) पार्टी अध्यक्ष रहे, उन्होंने राज्य की बहुत सेवा की है। वह 1989 से मेरे साथ विधायक हैं, वह मंत्री रहे हैं। वह एक साफ-सुथरे और ईमानदार व्यक्ति हैं... हो सकता है कि उन्होंने शादी के लिए कोई उपहार दिया हो, बस इतना ही। वह जवाब देंगे।"
शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने परमेश्वर से मुलाकात की और उन्हें कांग्रेस पार्टी के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "वह आज कैबिनेट में भाग ले रहे हैं।"
निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि एक शैक्षणिक न्यास पर संदेह है कि उसने किसी प्रभावशाली व्यक्ति के निर्देश पर राव के क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 40 लाख रुपये का कथित तौर पर भुगतान किया।
सूत्रों ने दावा किया कि ट्रस्ट परमेश्वर से जुड़ा हुआ है और "प्रभावशाली" व्यक्ति "राजनीतिक रूप से सक्रिय व्यक्ति" है। उन्होंने कहा कि क्रेडिट बिल के भुगतान में कोई दस्तावेज या वाउचर नहीं था।
इससे पहले शिवकुमार ने कहा, "धर्मार्थ संस्थाएं अक्सर लोगों की मदद करती हैं... शादी, स्कूल की फीस, अस्पताल के बिल के लिए छोटी-मोटी चैरिटी की गई होगी, ऐसी मदद की गई होगी, मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं। बाकी, देखते हैं कि वे (ईडी) क्या करते हैं।"
ईडी की छापेमारी पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला की टिप्पणियों पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "मैं अपने मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव ने जो कुछ भी कहा है, उसके साथ खड़ा हूं। मैं अलग से कोई रुख नहीं ले सकता, लेकिन मैंने जो कुछ भी कहा है वह महत्वपूर्ण है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी छापों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी, शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पूरे देश में कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेगी, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से जुड़ा मामला भी शामिल है।
उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी ने कोई निजी संपत्ति नहीं बनाई है। हम निश्चित रूप से लड़ेंगे। हमें अदालत पर भरोसा है और अदालत हमें न्याय देगी।’’
भाषा अमित