अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश से कई जिलों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं
राखी संतोष
- 31 May 2025, 03:42 PM
- Updated: 03:42 PM
ईटानगर, 31 मई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कई जिलों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे सामान्य जनजीवन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, अचानक आई बाढ़ से ऊपरी सुबनसिरी जिले में सिगिन नदी के उफान पर होने के कारण जिला मुख्यालय दापोरिजो के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और भारी नुकसान हुआ।
जिले में 117 से अधिक मकान और कई जरूरी ढांचे खराब मौसम की वजह से प्रभावित हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित कॉलोनियों में पोलो कॉलोनी, सिगुम रिजो, सिगिन कॉलोनी, बुकपेन कॉलोनी और फॉरेस्ट कॉलोनी शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने बताया कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
ऊपरी सुबनसिरी के उपायुक्त तासो गाम्बो ने अतिरिक्त उपायुक्त बियारो सोरम और अन्य जिला अधिकारियों के साथ क्षति का आकलन करने और प्रतिक्रिया उपायों की निगरानी के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त ने संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी (डीआईपीआरओ) ताव एक्के ने बताया कि सभी संबंधित विभागों, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं तथा प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता दी जा रही है।
पश्चिम कामेंग जिले के एक अधिकारी ने बताया कि जमिरी के पास 35 चराई क्षेत्र में कई लोग फंसे हुए हैं।
ज्योति नगर, डिरांग, पद्मा और दुर्गा मंदिर क्षेत्रों में भी सड़क अवरुद्ध होने की सूचना है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मिंडु यांगजोम ने बताया कि सीमा सड़क संगठन(बीआरओ) और मशीनों के सहयोग से सड़क यातायात बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण बाधा आ रही है।
बोमडिला के पेटालिंग कॉलोनी में शुक्रवार को भूस्खलन के चलते सड़क का कुछ हिस्सा, पुलिया और एक खाली मकान बह गए।
हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन भूस्खलन से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।
पश्चिम कामेंग जिले के नफरा-नाखू-नाचिबोम गांवों और बिचोम जिले के बीच संपर्क टूट गया है और कई लोग रास्ते में फंसे हुए हैं।
मियोंग नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, हालांकि यह अभी खतरे के निशान से नीचे है।
डीडीएमओ कार्यालय ने लोगों से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों, नदियों और अस्थिर इलाकों से दूर रहने की अपील की है।
मछली पकड़ने या शिकार के लिए जल निकायों में जाने से भी मना किया गया है और बाढ़ या भूस्खलन की स्थिति में तुरंत स्थान खाली करने की सलाह दी गई है।
निर्माण कार्य और खुदाई कार्यों को फिलहाल रोका गया है और रात में यात्रा से बचने की हिदायत दी गई है।
कुरुंग कुमे, कामले और ‘निचला सुबनसिरी’ जिलों से भी भूस्खलन की खबरें हैं, जहां सड़कों से मलबा हटाने और यातायात बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बांग्लादेश में बने ‘अवदाब’(डिप्रेशन) के कारण भारी बारिश की संभावना है। अवदाब का आशय कम दबाव के क्षेत्र से है।
अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ क्षेत्रों में अत्याधिक भारी बारिश हो सकती है, लेकिन कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। गरज और बिजली गिरने की भी आशंका है जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने निचला सुबनसिरी, पश्चिम कामेंग, पश्चिम सियांग, लोहित और चांगलांग जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है।
अधिकारियों ने निचले और आपदा संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सावधानी बरतने और सभी जरूरी एहतियात बरतने की अपील की है।
भाषा राखी