इंदिरा गांधी 1971 के युद्ध के दौरान अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकी थीं : कमलनाथ
सं दिमो शफीक
- 31 May 2025, 09:26 PM
- Updated: 09:26 PM
जबलपुर, 31 मई (भाषा) कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सराहना करते हुए कहा कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका के दबाव के आगे वह नहीं झुकीं और इसके कारण बांग्लादेश बना।
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित ‘जय हिंद सभा’ में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार यह दावा करने की पृष्ठभूमि में आया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन से जारी लड़ाई को रुकवाने के लिए ‘‘संघर्षविराम’’ कराया।
हालांकि, भारत अपने इस रुख पर कायम है कि सैन्य संघर्ष रोकने पर बनी सहमति में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत की सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया है कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ा कर युद्ध रोकने की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को नष्ट किया गया।
कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैंने 1971 का युद्ध देखा। मैंने (तत्कालीन प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी की ताकत देखी। अमेरिका (जो उस समय पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था) ने विभिन्न क्षेत्रों से दबाव डाला, लेकिन इंदिराजी झुकने को तैयार नहीं थीं।’’
इससे पहले दिन में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी से ट्रंप के दावों पर अपनी चुप्पी तोड़ने को कहा।
सभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने देश के सशस्त्र बलों का सम्मान करने के लिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने की सराहना की।
कांग्रेस सशस्त्र बलों को सलाम करने के लिए देश भर में ‘जय हिंद सभा’ कर रही है, जबकि भाजपा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाने के लिए 'तिरंगा यात्रा' निकाल रही है।
राज्य के मामलों पर कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश अब झूठ, भ्रष्टाचार, महिलाओं के अपहरण और किसान विरोधी नीतियों की राजधानी बन गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल किया, ‘‘मप्र की तस्वीर आपके सामने है। महंगाई और बेरोजगारी है। मैं बेरोजगारी से बहुत चिंतित हूं। युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। अगर उनका भविष्य अंधकारमय है, तो हम कैसा मध्यप्रदेश बना रहे हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जब मैं मुख्यमंत्री था और मप्र में निवेश करने के लिए उद्योगपतियों से संपर्क करता था, तो वे दावा करते थे कि राज्य बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से घिरा हुआ है।’’
दिसंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच 15 महीने की छोटी अवधि को छोड़कर, कांग्रेस 2003 से मप्र में सत्ता से बाहर है।
भाषा सं दिमो