श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
सं आनन्द राजकुमार
- 15 Aug 2025, 06:47 PM
- Updated: 06:47 PM
मथुरा (उप्र), 15 अगस्त (भाषा) श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और हर तरफ सैन्य छावनी जैसा दृश्य देखने को मिल रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने इस अवसर पर भगवान के जन्माभिषेक के दर्शन करने के लिए यहां आने वाले लाखों भक्तों की सुरक्षा के लिए शहर को चार जोन एवं 18 सेक्टरों में बांटकर पांच हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों एवं जवानों को तैनात किया है।
अधिकारियों का कहना है कि इसी प्रकार वृन्दावन एवं अन्य तीर्थस्थलों पर भी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। तीन दिन के श्रीकृष्णोत्सव के आयोजन के मद्देनजर सभी प्रकार के भारी वाहनों का तो प्रवेश निषेध कर दिया गया है। इस बीच श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले मार्गों पर पदयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए दुपहिया, तिपहिया तथा चौपहिया आदि सभी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।
अधिकारियों के मुताबिक हर मार्ग पर जगह-जगह पर अवरोधक लगा दिए गए हैं जहां तैनात पुलिस एवं पीएसी के जवान किसी भी अवांछित व्यक्ति के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए सजग दिख रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जाने के लिए मुख्य द्वार के स्थान पर उत्तरी द्वार (गोविंद नगर वाला) प्रयोग किया जा रहा है और निकासी के लिए मुख्य द्वार प्रयोग किया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मोबाइल फोन, की-रिंग, रिस्ट वाच, आदि कोई भी इलैक्ट्रानिक डिवाइस ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि श्रद्धालु दर्शन करने के लिए जाते समय अपने जूते-चप्पल, बैग, बीड़ी-माचिस, लाइटर, छाता जैसी किसी भी वस्तु को ले जाने का प्रयास न करे, अपने ठहरने के स्थान पर ही इन चीजों को सुरक्षित छोड़ कर जाए, क्योंकि वापसी में उसे दूसरी ओर से निकलना पडेगा और इतनी भीड़ में दुबारा कई किमी का चक्कर लगाकर प्रवेश मार्ग पर पहुंचना दूभर हो जाएगा।
पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 'ब्रजधाम डाट को डाट इन' नाम से एक वेबसाइट भी चालू की जिसे उन्हें मथुरा आने पर मंदिरों, रास्तों, प्रतिबंधों आदि के बारे में तमाम सूचनाएं उपलब्ध हो जाएंगी और वे रास्ते खोजने में भी उसकी सहायता ले सकते हैं।
कृष्णोत्सव-2025 की शुरुआत प्रात: श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शोभायात्रा के साथ हुई जिसमें तीन-चार सौ लोक कलाकार अपनी-अपनी कलाओं का प्रदर्शन करते चल रहे थे। यह शोभायात्रा जन्मस्थान के मुख्य द्वार से प्रारम्भ होकर डीग गेट, रूपम सिनेमा तिराहा, गोविंद नगर थाना, महाविद्या कालोनी एवं पोतरा कुण्ड होती हुई पुन: मुख्य द्वार पर ही आकर संपन्न हुई।
इस उत्सव के मद्देनजर रेल परिवहन, सड़क परिवहन से यातायात की विशेष व्यवस्था की गई है।
भाषा सं आनन्द