भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय संघ के नेताओं के समक्ष कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया
देवेंद्र सुरेश
- 05 Jun 2025, 11:19 PM
- Updated: 11:19 PM
ब्रसेल्स, पांच जून (भाषा) एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात की और उन्हें जम्मू-कश्मीर में प्रगति को अस्थिर करने तथा सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां एशिया मामलों की प्रभारी एवं यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष के साथ बैठक में कश्मीर में प्रगति को अस्थिर करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए सीमा पार से आतंकवाद के इस्तेमाल को लेकर चिंता व्यक्त की।
यह प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को ब्रिटेन से बेल्जियम पहुंचा था।
बेल्जियम और लक्जमबर्ग में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एशिया मामलों की प्रभारी एवं यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष क्रिस्टेल शाल्डेमोस के साथ सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की एक सार्थक और रचनात्मक बैठक हुई।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘कश्मीर में प्रगति को बाधित करने और स्थिति को सांप्रदायिक बनाने के लिए सीमा पार से आतंकवाद के इस्तेमाल के बारे में संसदीय स्तर पर जानकारी देने का यह एक अच्छा मौका है। पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा की गई और आतंकवाद को कतई सहन न करने संबंधी भारत की दृढ़ नीति के बारे में अवगत कराया गया।’’
दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने बेल्जियम की संघीय संसद के प्रतिनिधि चैंबर के अध्यक्ष पीटर डी रूवर से मुलाकात की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए भारत की ‘‘मजबूत प्रतिबद्धता’’ को रेखांकित किया।
इसने एक अन्य पोस्ट में कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने ब्रसेल्स में मीडिया से भी बातचीत की और आतंकवाद पर भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों और आतंकवाद से निपटने समेत भारत-यूरोपीय संघ की मजबूत साझेदारी के लिए एक रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
प्रसाद के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में भाजपा की दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, शिवसेना (उबाठा) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, भाजपा के गुलाम अली खटाना, कांग्रेस के अमर सिंह, भाजपा के समिक भट्टाचार्य, आईएडीएमआईसी के एम थंबीदुरई, भाजपा के एम जे अकबर और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल हैं।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था तथा सात मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए।
दस मई को दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई को रोकने की सहमति बनी।
भाषा
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