प्रकृति का संरक्षण हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी और कर्तव्य: भजनलाल शर्मा
अमित
- 05 Jun 2025, 11:24 PM
- Updated: 11:24 PM
जयपुर, पांच जून (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लोगों से पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्रकृति का संरक्षण हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी और कर्तव्य है।
शर्मा विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर यहां आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण केवल एक विकल्प नहीं बल्कि महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी और कर्तव्य है।
आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि राजस्थान की जल संरक्षण की परंपराएं हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जल को अमृत माना और उसे संरक्षित करने के लिए अनूठे तरीके अपनाए। उन्होंने कहा कि बावड़ियां, जोहड़, तालाब और कुंए जैसी संरचनाएं राजस्थान की जल संरक्षण की परंपराओं का जीवंत उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राजस्थान में ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ के रूप में एक नई पहल की गई है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जल संचय संरचनाओं का निर्माण, जल स्रोतों की साफ-सफाई, परंपरागत जलाशयों के स्वरूप को पुनः बहाल करने व इनके संरक्षण के लिए जन जागरूकता से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपनी दिनचर्या में पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि तभी प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा और हम आगामी पीढ़ियों को स्वच्छ हवा, स्वच्छ पानी एवं स्वच्छ धरा का उपहार दे पाएंगे।
इस अवसर पर उन्होंने सात संभागीय मुख्यालयों एवं औद्योगिक शहरों में ई-वेस्ट संग्रहण के लिए 11 ई-वेस्ट संग्रहण वाहनों को हरी झंडी दिखाई। साथ ही कई अन्य कार्यों का भी लोकार्पण किया।
वहीं शाम को शर्मा ने बूंदी के केशोरायपाटन में 'वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान के अंतर्गत केशव घाट पर विधिवत रूप से मंत्रोच्चार के साथ चम्बल मां (चर्मण्यवती नदी) की पूजा की। उन्होंने चुनरी महोत्सव में भी भाग लिया। शर्मा ने बाद में भरतपुर में भी अभियान से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लिया व पौधारोपण किया।
भाषा पृथ्वी