मुर्मू ने देहरादून में राष्ट्रपति निकेतन, राष्ट्रपति तपोवन का उद्घाटन किया
दीप्ति, रवि कांत
- 20 Jun 2025, 08:48 PM
- Updated: 08:48 PM
देहरादून, 20 जून (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को यहां राजपुर रोड स्थित राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन को जनता के लिए खोल दिया।
अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर आयीं राष्ट्रपति ने यहां राजपुर रोड पर स्थित राष्ट्रपति निकेतन में जन सुविधाओं जैसे आगंतुक सुविधा केंद्र, कैफेटेरिया और सोवेनियर की दुकान का भी उद्घाटन किया। यहां बृहस्पतिवार को उन्होंने एक एंफीथियेटर का भी उदघाटन किया था।
मुर्मू ने राष्ट्रपति निकेतन में राष्ट्रपति उद्यान की भी आधारशिला रखी।
हिमालय की तलहटी में 19 एकड़ भूमि में फैला राष्ट्रपति तपोवन, राष्ट्रपति एस्टेट का एक हिस्सा है जहां आध्यात्मिक आश्रय और पारिस्थितिकी संरक्षण पर जोर दिया गया है। तपोवन में देशी वनस्पतियों से समृद्ध घने जंगल, पौधों की 117 प्रजातियां, 52 प्रकार की तितलियां, पक्षियों की 41 प्रजातियां और जंगली स्तनधारियों की सात प्रजाति शामिल हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के झुरमुट और शांत वनस्थली पारिस्थितिकी तंत्र हैं।
राष्ट्रपति रिट्रीट के रूप में 1976 में स्थापित राष्ट्रपति निकेतन की समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है
राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं।
कुल 132 एकड़ में विस्तारित राष्ट्रपति उद्यान, सुगमता और पारिस्थितिकी उत्तरदायित्व का एक मॉडल होने के साथ ही दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक उद्यान के रूप में पूरी तरह से सुलभ होगा। इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति और नागरिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता केंद्र बनना है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति निकेतन, राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति उद्यान की जैव विविधता पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक में इन स्थानों पर उपलब्ध 300 से अधिक वनस्पतियों और 170 से अधिक जीवों की प्रजातियों का विवरण है जिनमें तितलियां, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं।
राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन क्रमशः आगामी 24 जून और एक जुलाई से आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान का भ्रमण किया और छात्रों से बातचीत भी की। उन्होंने मॉडल स्कूल विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ-साथ एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया ।
इस मौके पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति का आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि उस समाज में लोग दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है और देश की संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा और प्रेम के भाव हमेशा से शामिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है जहां उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से दिव्यांगजन भी मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने संस्थान द्वारा समावेशी शिक्षा प्रणाली और नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल देने के लिए संस्थान की सराहना की और कहा कि समाज को जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।
भाषा
दीप्ति, रवि कांत