दुनिया तनाव से गुजर रही है, योग से हमें शांति की दिशा मिलती है: प्रधानमंत्री मोदी
सुरभि प्रशांत
- 21 Jun 2025, 01:54 PM
- Updated: 01:54 PM
(तस्वीरों के साथ)
विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), 21 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है, कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है और ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन मानवता के लिए उस प्राचीन प्रथा की शुरुआत का प्रतीक है जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। योग एक ‘पॉज बटन’ है जिसकी मानवता को आवश्यकता है , जिससे कि वे खुलकर सांस ले सकें, जीवन में संतुलन बना सकें तथा पुनः संपूर्ण बन सकें।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा दुनिया से अनुरोध है कि आइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 की शुरुआत का प्रतीक बनाएं जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाए।’’
योग का सीधा-साधा अर्थ होता है ‘‘जुड़ना’’ और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग सभी का है और सभी के लिए है। यह सीमाओं, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से बंधा नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’’ है, जो एक गहरी सच्चाई को दर्शाता है कि धरती पर प्रत्येक इकाई का स्वास्थ्य परस्पर जुड़ा हुआ है।
मोदी ने गर्व जताते हुए कहा कि कैसे दिव्यांग लोग ब्रेल लिपि में योग शास्त्र पढ़ते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वैज्ञानिक भी अंतरिक्ष में योग करते हैं।
उन्होंने कहा कि मानव कल्याण उस मिट्टी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो भोजन उगाती है, उन नदियों पर निर्भर करता है जो पानी देती हैं और उन जानवरों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो पारिस्थितिकी तंत्र को साझा करते हैं तथा उन पौधों पर निर्भर करता है जो पोषण करते हैं।
मादी ने कहा कि योग हमें इस परस्पर जुड़ाव के प्रति जागरूक करता है। मोदी ने कहा कि योग दुनिया को जोड़ता है और सिखाता है कि लोग अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं बल्कि प्रकृति का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘योग एक महान व्यक्तिगत अनुशासन है। साथ ही, यह एक ऐसी प्रणाली है जो हमें ‘‘मैं’’ से ‘‘हम’’ की ओर ले जाती है। आइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग की शुरुआत के रूप में चिह्नित करें, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन गई है।’’
उन्होंने कहा कि जब भारत ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में रखा तो कुछ ही समय में 175 देशों ने इसे स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि 11 साल बाद योग अब दुनिया भर के करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है।
मोदी ने कहा, ‘‘चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है कि योग सभी का है और सभी के लिए है।’’
भारतीय संस्कृति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवंतु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।
उन्होंने जोर दिया कि योग सिर्फ निजी अभ्यास नहीं रहे, बल्कि वैश्विक भागीदारी का माध्यम बने।
उन्होंने हर देश और समाज से योग को अपनी जीवनशैली एवं सार्वजनिक नीति में शामिल करने तथा एक शांत, संतुलित और सतत विश्व को गति देने के लिए सामूहिक प्रयास की कल्पना करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘योग विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।’’
मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के जरिए भी योग और आरोग्य के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आज ‘हील इन इंडिया’ का मंत्र भी दुनिया में काफी लोकप्रिय हो रहा है। भारत-दुनिया के लिए ‘हीलिंग’ का सर्वश्रेष्ठ स्थल बन रहा है। योग की इसमें भी बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा कि मोटापा बढ़ना पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है। मैंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी इस पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खान-पान में 10 प्रतिशत तेल कम करने का ‘चैलेंज’ भी शुरू किया था। आज एक बार फिर मैं दोहराना चाहता हूं। इस संबंध में जागरूकता फैलाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। ‘योग पोर्टल’ और ‘योग आंध्र पोर्टल’ के जरिए देशभर में 10 लाख से अधिक कार्यक्रमों का पंजीकरण हुआ है।
प्रधानमंत्री के अनुसार, आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं जो दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है।
मोदी ने संतोष जताते हुए कहा कि योग के लिए ‘कॉमन योग पोर्टल’ बनाया गया है।
योग प्रमाणीकरण बोर्ड के प्रयासों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बोर्ड ने ‘होलिस्टिक इकोसिस्टम’ (सर्वांगीण आरोग्य तंत्र) के निर्माण के तहत साढ़े छह लाख से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवकों, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल जैसे कई प्रयास किए हैं।
उन्होंने बताया कि देशभर में हमारे जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, वहां प्रशिक्षित योग शिक्षक तैनात किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के लोगों को भारत के इस ‘वेलनेस इकोसिस्टम’ का फायदा मिले, इसलिए विशेष ई-आयुष वीजा दिए जा रहे हैं।
उन्होंने सभी से योग को जनांदोलन में बदलने का आह्वान किया, ताकि विश्व को शांति, स्वास्थ्य और सद्भाव की ओर ले जाया जा सके।
उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से जीवन में संतुलन लाने के लिए अपने दिन की शुरुआत योग से करने का आग्रह किया और प्रत्येक समाज से तनाव मुक्त होने के लिए योग को अपनाने का आह्वान किया।
मोदी ने कहा कि इस वर्ष, ‘माई जीओवी’ और ‘माई भारत’ जैसे मंच पर ‘योग विद फैमिली’ जैसी विशेष प्रतियोगिताएं और ‘योग अनप्लग्ड’ के तहत युवा-केंद्रित पहल शुरू की गई हैं, जिससे जन भागीदारी को बढ़ावा मिल रहा है।
मोदी ने ‘योगांध्र’ परियोजना के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और मंत्री नारा लोकेश को बधाई दी।
अपने संबोधन में नायडू ने कहा कि मोदी ने योग को न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में लोकप्रिय बनाया और इसे वैश्विक कल्याण के आंदोलन में बदल दिया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि योग दिवस 175 से अधिक देशों में 12 लाख स्थानों पर 10 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी के साथ मनाया जा रहा है।
भाषा सुरभि