रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति मुर्मू के भाषणों के संग्रह का विमोचन किया
धीरज दिलीप
- 23 Jun 2025, 10:26 PM
- Updated: 10:26 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष के दौरान दिए गए 51 भाषणों के संग्रह का सोमवार को विमोचन किया। सिंह ने इस मौके पर कहा कि यह ‘‘विकसित भारत के दृष्टिकोण का कर्म ग्रंथ’’ बनेगा।
राष्ट्रपति भवन परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने अंग्रेजी में ‘विंग्स टू आवर होप्स-वॉल्यूम-2’ और हिंदी में ‘आशाओं की उड़ान-खंड-2’ नाम से प्रकाशित पुस्तक और इसके ई-संस्करण का विमोचन किया।
राष्ट्रपति मुर्मू के भाषणों में राष्ट्र के नाम उनके संबोधन से लेकर विभिन्न विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में दिए गए भाषण भी शामिल हैं।
राष्ट्रपति के भाषणों को राष्ट्रपति भवन ने संकलित और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने प्रकाशित किया है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन भी मौजूद थे।
रक्षामंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह पुस्तक 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने का साधन बनेगी।’’
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया था कि ‘विंग्स टू आवर होप्स- वॉल्यूम-2’ राष्ट्रपति के 51 भाषणों का संग्रह है, जो महामहिम के कार्यकाल के दूसरे वर्ष (अगस्त 2023- जुलाई 2024) के दौरान उनके दृष्टिकोण, दर्शन और प्राथमिकताओं की झलक प्रदान करता है।
सिंह ने नवाचार, देश के विकास में महिलाओं के योगदान, समानता और सांस्कृतिक विरासत जैसे विषयों पर राष्ट्रपति द्वारा दिये गए भाषणों के संकलन को 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सरकार के दृष्टिकोण का सार बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पुस्तक हमारी गौरवशाली विरासत को संरक्षित करते हुए प्रगतिशील विचारों के साथ विकसित भारत के निर्माण के लिए मार्गदर्शक बनेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हमारे देश में विविधता के महत्व को जानती हैं और वंचितों के दर्द को पहचानती हैं। यह पुस्तक समानता की भावना का उद्घोष करती है।’’
सिंह ने राष्ट्रपति के कुछ विचारों का विशेष उल्लेख किया तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकताएं बताया, जिनमें विकास के साथ-साथ विरासत, हमारी संस्कृति और सभ्यता की पहचान शामिल हैं।
वैष्णव ने ‘विंग्स टू आवर होप्स (वॉल्यूम-2)’ को देश के ‘प्रथम नागरिक’ के नजरिए से समसामयिक मुद्दों को समझने का माध्यम बताया और उम्मीद जताई कि यह राष्ट्रपति के लोक कल्याणकारी विचारों को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाएगा।
भाषा धीरज