सरकार के शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे पर विस्तृत जानकारी देने के बाद ही इस पर रुख तय कर सकते हैंः पवार
राजकुमार पवनेश
- 27 Jun 2025, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
(फाइल फोटो के साथ)
पुणे, 27 जून (भाषा) राकांपा(एसपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि यदि सरकार परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दे तो वह प्रस्तावित नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे पर अपना रुख तय कर सकते हैं।
पवार ने कहा कि विशेषज्ञों को पहले इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या यह परियोजना लोगों के हित में है।
उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर किसी भी नयी परियोजना को विरोध का सामना करना पड़ता है। मैं यह जानने की कोशिश कर रहा हूं कि मैं मुद्दों को कैसे हल कर सकता हूं। किसानों (जिनकी जमीन अधिग्रहित की जाएगी) के विचारों को समझना महत्वपूर्ण है।’’
पवार ने कोल्हापुर में संवाददाताओं से कहा कि अगर सरकार इस परियोजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी जैसे इसके पीछे का औचित्य, इससे लोगों को क्या लाभ होगा, किसानों को और नुकसान नहीं होने संबंधी आश्वासन आदि प्रदान करे तो कोई रुख अपनाया जा सकता है।
पवार ने कहा कि वह इस परियोजना पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि उनके पास इसके फायदे और नुकसान की स्पष्ट तस्वीर नहीं है।
बृहस्पतिवार को उनकी बेटी और राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष ने सरकार से 86,300 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर पुनर्विचार करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि इस परियोजना से “पहले से ही खाली” राज्य के खजाने पर बोझ पड़ेगा।
अधिकारियों के अनुसार, 802 किलोमीटर लंबी शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे परियोजना वर्धा जिले के पवनार को सिंधुदुर्ग जिले में महाराष्ट्र-गोवा सीमा पर स्थित पत्रादेवी से जोड़ेगी तथा नागपुर और गोवा के बीच यात्रा का समय मौजूदा 18 घंटे से घटाकर आठ घंटे कर देगी।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हाल में एक उच्चस्तरीय समिति का पुनर्गठन किया है।
राकांपा (एसप) प्रमुख ने इजराइल और ईरान के बीच युद्धविराम का श्रेय लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने (युद्ध विराम के बारे में) कुछ निर्णय लिए हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उन्हें (अन्य देशों की ओर से) निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। उनके बयानों से हर कोई परेशान है। आज, यूरोप के कई देश उनके दृष्टिकोण से निराश हैं।’’
पवार ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि कोई देश शक्तिशाली है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपने फैसले दूसरे देशों पर थोप सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत को ईरान के मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए और खाड़ी देशों से संबंधित नीतियों को पिछले नेतृत्व द्वारा अपनाई गई नीतियों के अनुरूप होना चाहिए। भारत के बारे में खाड़ी देशों के बीच कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।’’
भाषा
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