कोलकाता के कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा से सामूहिक बलात्कार, तीन गिरफ्तार
रवि कांत रवि कांत संतोष
- 27 Jun 2025, 11:30 PM
- Updated: 11:30 PM
कोलकाता, 27 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक विधि महाविद्यालय (कॉलेज) की प्रथम वर्ष की 24 वर्षीय छात्रा से संस्थान के भीतर एक पूर्व छात्र और दो वरिष्ठ छात्रों ने कथित तौर पर ''सामूहिक दुष्कर्म'' किया। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीड़िता की चिकित्सा जांच के नतीजे उसके सामूहिक बलात्कार के आरोप की पुष्टि करते हैं।
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वाम दलों, भाजपा, कांग्रेस और एआईडीएसओ के समर्थकों की कस्बा पुलिस थाने के बाहर पुलिसकर्मियों के साथ झड़प हुई।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष गोपनीय बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया भी चल रही है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने 25 जून की शाम को हुई इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस से तीन दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुई इस वीभत्स घटना ने पिछले साल अगस्त में शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना की भयावह यादें ताजा कर दीं।
कॉलेज के सूत्रों ने बताया कि हालिया घटना का मुख्य आरोपी कॉलेज का पूर्व छात्र है और विडंबना यह है कि वह अलीपुर पुलिस एवं सत्र न्यायालय में आपराधिक मामलों का वकील है।
पुलिस ने पुष्टि की है कि दो अन्य आरोपी संस्थान के मौजूदा छात्र हैं और पीड़िता के वरिष्ठ हैं।
कॉलेज प्रशासन ने बताया कि मुख्य आरोपी को हाल में 45 दिनों की अनुबंध अवधि के लिए संस्थान में अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था।
मुख्य आरोपी के सोशल मीडिया हैंडल से पता चला है कि वह कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद इकाई का पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छात्र संगठन की दक्षिण कोलकाता शाखा का संगठन सचिव है।
सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध मुख्य आरोपी की तस्वीरों में उसे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं के साथ देखा जा सकता है।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपियों के साथ किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है और आरोपियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें 'कड़ी से कड़ी सजा' दिए जाने की वकालत की है।
पुलिस ने बताया कि कथित अपराध और उत्पीड़न की घटना 25 जून की शाम को कॉलेज के भूतल पर छात्र संघ कार्यालय के पास एक गार्ड के कमरे के अंदर हुई।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता को बुधवार को कक्षा के बाद छात्र संघ कार्यालय के बगल में स्थित गार्ड के कमरे में तीन घंटे से अधिक समय तक प्रताड़ित किया गया।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पीड़िता कुछ लोगों द्वारा बुलाए जाने के बाद कुछ शैक्षणिक फॉर्म भरने के लिए दोपहर बाद कॉलेज पहुंची थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ कस्बा पुलिस थाने में बृहस्पतिवार को दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार जब उसने मुख्य आरोपी के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो तीनों ने मिलकर उसके साथ मारपीट की। इसके बाद उसे सुरक्षाकर्मी के कमरे में घसीटा गया और मुख्य आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया, जबकि उसके दो साथी इस कृत्य में उसकी सहायता कर रहे थे और पहरा दे रहे थे। आरोपियों ने रात करीब 10:30 बजे तक उसके साथ बलात्कार किया। हमने कमरे को सील कर दिया है।’’
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ पीड़िता का आरोप है कि आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने कुछ कहा तो वे फुटेज इंटरनेट पर जारी कर देंगे। आरोपियों ने पीड़िता के प्रेमी को नुकसान पहुंचाने और उसके माता-पिता को झूठे मामलों में फंसाने की भी धमकी दी। ’’
बाद में पुलिस ने पुष्टि की कि चिकित्सा परीक्षण के परिणाम से पीड़िता के इस आरोप की पुष्टि हुई कि उसके साथ बलात्कार हुआ था।
पुलिस के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पीड़िता के शरीर पर उसके साथ जबरदस्ती करने, काटने के निशान और नाखून से खरोंच के निशान पाए गए हैं।’’
मुख्य पुलिस अभियोजक सोरिन घोषाल ने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के अनुसार, सामूहिक बलात्कार के मामलों में शामिल समूह के सभी व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, भले ही उन सभी ने बलात्कार का कृत्य न किया हो। इस मामले में, दो अन्य व्यक्तियों ने बलात्कार में मदद की। इसलिए यह सामूहिक बलात्कार का मामला है, और वे भी मामले में आरोपी हैं।’’
पीड़िता ने आरोप लगाया कि बदमाशों ने कॉलेज का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया और सुरक्षा गार्ड को उसके कमरे के बाहर बैठा दिया। फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने अपराध के दृश्यों से साक्ष्य एकत्र किए।
सूत्रों ने बताया कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जब उसने मुख्य आरोपी के विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के बाद कॉलेज परिसर से बाहर जाने की कोशिश की, तो उसका यौन उत्पीड़न किया गया।
पुलिस सूत्र के अनुसार पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि सामूहिक बलात्कार के दौरान उसका वीडियो भी बनाया गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पीड़िता ने आरोप लगाया है कि तीनों आरोपियों ने उत्पीड़न की मोबाइल फुटेज अपने पास रख ली थी और धमकी दी थी कि अगर उसने घटना के बारे में किसी से बात की, तो वे इसे इंटरनेट पर डाल देंगे।’’
अधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वीडियो फुटेज को अन्य नंबर पर भी भेजा गया था।’’
उन्होंने कहा कि पीड़िता की अनिवार्य मेडिकल जांच कराई जा रही है।
कॉलेज की उप-प्राचार्य डॉ. नयना चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्य आरोपी को संस्थान के शासी निकाय द्वारा पारित एक प्रस्ताव के आधार पर अनुबंध के तहत पूरी तरह से अस्थायी नियुक्ति दी गई थी।
डॉ. नयना चटर्जी ने कहा, ‘‘मुझे सुरक्षा गार्ड से सूचना मिली कि पुलिस ने हमारे कॉलेज के दो कमरों को सील कर दिया है। मैं यह पता लगाने की कोशिश कर रही हूं कि आखिर हुआ क्या है। इस व्यक्ति को कॉलेज की शासी निकाय ने पूरी तरह से अस्थायी आधार पर नियुक्त किया था। ’’
कांग्रेस और ‘ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन’ (एआईडीएसओ) के कार्यकर्ताओं ने दिन में कस्बा पुलिस थाने के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक वहां से हटा दिया।
तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी कभी भी संस्थान में संगठन का इकाई अध्यक्ष नहीं रहा है, क्योंकि वहां छात्रसंघ पिछले कुछ वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार छात्रा और उसके परिवार के साथ पूरी तरह खड़ी है।
पांजा ने कहा, ‘‘ यह घटना बेहद दर्दनाक है। कोलकाता पुलिस ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच से जुड़ी सभी जानकारी जनता के लिए उपलब्ध है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पीड़िता को राजनीति का मैदान बनाने के बजाय, उसके दर्द को समझा जाना चाहिए, उसका सम्मान किया जाना चाहिए तथा शीघ्र और बिना शर्त न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’’
किसी का नाम लिए बगैर पांजा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ‘‘कुछ लोग आरोपियों का महिमामंडन करते हैं या उन्हें माला पहनाते हैं। लेकिन, हम ऐसे लोगों के लिए मिठाई नहीं बांटते या उनकी रक्षा नहीं करते। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार न तो अपराधियों को बचाती है और न ही महिलाओं की गरिमा से कोई समझौता करती है।’’
टीएमसी ने यह भी कहा कि 'अपराजिता विधेयक' के प्रति केंद्र की "उदासीनता" "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" है।
पांजा ने कहा, ‘‘ बार-बार अनुरोध के बावजूद, केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने इसे लागू करने के लिए कुछ नहीं किया है। ’’
इस बीच, कोलकाता में छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
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