पंजाब: मोहाली की अदालत ने अकाली नेता मजीठिया की हिरासत चार दिन बढ़ाई
प्रीति अविनाश
- 02 Jul 2025, 08:39 PM
- Updated: 08:39 PM
चंडीगढ़, दो जुलाई (भाषा) पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने बुधवार को दावा किया कि उसने शिमला में 402 हेक्टेयर ऐसी भूमि का पता लगाया है, जिसके बारे में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कोई जानकारी नहीं दी थी।
सतर्कता ब्यूरो को उक्त बात का पता तब लगा जब आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच के तहत गिरफ्तार शिअद नेता को हिमाचल प्रदेश ले जाया गया।
ब्यूरो ने मोहाली की एक अदालत के समक्ष यह बयान दिया। अदालत ने मजीठिया की हिरासत चार दिन के लिए बढ़ा दी है।
अभियोजक ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में गिरफ्तार मजीठिया पर जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया है।
बुधवार को सात दिन की सतर्कता ब्यूरो हिरासत समाप्त होने के बाद मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया।
मोहाली जिला अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जहां मजीठिया को पेश किया गया था। इसके अलावा सतर्कता ब्यूरो कार्यालय में भी सुरक्षा बढ़ायी गयी थी। इस दौरान मीडियाकर्मियों को भी दूर रखा गया था।
ब्यूरो ने 540 करोड़ रुपये के कथित ‘ड्रग मनी’ (मादक पदार्थ की तस्करी से प्राप्त आय) के शोधन मामले में मजीठिया को 25 जून को गिरफ्तार किया था।
अदालत में तीन घंटे की सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए सरकारी वकील फेरी सोफत ने कहा कि सतर्कता ब्यूरो द्वारा आवेदन किए जाने के बाद अदालत ने मजीठिया की हिरासत चार दिन और बढ़ा दी।
सोफत ने बताया कि उन्हें छह जुलाई को दोबारा पेश किया जाएगा।
अभियोजक ने कहा कि मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में ब्यूरो की जांच के दौरान कई तथ्य सामने आए हैं।
सोफत ने दावा किया, “मजीठिया को शिमला ले जाया गया, जहां 402 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्री मिली और अब तक हलफनामे में इसकी घोषणा नहीं की गई थी।’’
उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री की प्रति अदालत के समक्ष पेश की गई है।
विशेष लोक अभियोजक प्रीत इंद्रपाल सिंह ने कहा कि मजीठिया से पूछताछ के दौरान ब्यूरो को शिमला के मशोबरा में जमीन की कुछ खरीद-बिक्री के बारे में भी पता चला है।
सिंह ने दावा किया कि मजीठिया ने 2012 में अपने हलफनामे में 0.56 हेक्टेयर भूमि दिखाई थी जबकि बिक्री दस्तावेज 2010-11 के थे।
उन्होंने कहा, ‘‘बिक्री दस्तावेज में 402 हेक्टेयर भूमि का जिक्र किया गया था जिसका पता तब चला जब मजीठिया को शिमला ले जाया गया।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमने अदालत को बताया कि कुछ प्रासंगिक रिकॉर्ड गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में भी हैं और हम उन्हें वहां भी ले जा सकते हैं।’’
मजीठिया को 30 जून को हिमाचल प्रदेश के मशोबरा में उनके परिवार से जुड़ी कथित संपत्ति के सत्यापन के लिए ले जाया गया था। फिर एक जुलाई को उन्हें अमृतसर के मजीठा स्थित उनके कार्यालय ले जाया गया।
सिंह ने दावा किया कि जांच से पता चला है कि पंजाब में अकाली दल के सत्ता में लौटने पर मजीठिया के पिता ने दिल्ली के सैनिक फार्म में एक फार्म हाउस खरीदा था।
उन्होंने दावा किया कि उस फार्महाउस की कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये आंकी गई है।
विशेष सरकारी अभियोजक ने कहा कि मजीठिया के परिवार ने सराया इंडस्ट्रीज के रिकॉर्ड में अपना पता सैनिक फार्म दिखाया है।
सिंह ने बताया कि सतर्कता ब्यूरो की जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि मजीठिया की पत्नी गनीव कौर (अकाली दल की विधायक) की जालंधर स्थित ग्रीन एवेन्यू सोसायटी में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है और इस हिस्सेदारी के लिए करोड़ों रुपए दिए गए हैं।
मजीठिया के वकीलों में से एक अर्शदीप क्लेर ने दावा किया कि सतर्कता ब्यूरो अदालत के समक्ष नए तथ्य पेश नहीं कर सका।
उनकी गिरफ्तारी के बाद, अदालत ने 26 जून को मजीठिया को सात दिन की हिरासत में भेज दिया था।
मजीठिया के खिलाफ दर्ज ताजा प्राथमिकी में सतर्कता ब्यूरो ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में कई तरीकों से 540 करोड़ रुपये से अधिक की ‘ड्रग मनी’ के धनशोधन का खुलासा हुआ है और कथित तौर पर मजीठिया ने इसमें मदद की थी।
साल 2021 में मजीठिया पर स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह कार्रवाई मादक पदार्थ रोधी विशेष कार्य बल की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी।
मजीठिया ने पांच महीने से अधिक समय पटियाला जेल में बिताया। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद वह अगस्त 2022 में जेल से बाहर निकले।
भाषा
प्रीति