रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन के लिए भरोसेमंद व्यवस्था तैयार: श्रम मंत्री
अजय
- 02 Jul 2025, 08:33 PM
- Updated: 08:33 PM
नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) श्रम मंत्रालय ने रोजगार आधारित प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को लागू करने के लिए डिजिटल प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए एक सरल और भरोसेमंद व्यवस्था तैयार की है। कुल 1.07 लाख करोड़ रुपये की इस योजना का लक्ष्य अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ नौकरियां सृजित करना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को योजना को मंजूरी दी। योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से लागू किया जाएगा।
श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने संवाददाताओं को बताया कि ईएलआई योजना के तहत कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ताओं को लाभ प्रदान करने के लिए एक सरल और भरोसेमंद प्रणाली तैयार की गयी है। इसके तहत लाभ सीधे खातों में स्थानांतरित किए जाएंगे।
यह व्यवस्था आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के क्रियान्वयन से सीखे गए सबक के बाद तैयार की गयी है। इस योजना में भ्रष्टाचार और फर्जी दावों के मामले सामने आए थे।
एबीआरवाई को सामाजिक सुरक्षा लाभ के साथ-साथ नए रोजगार सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने और कोविड-19 महामारी के दौरान हुए रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए शुरू किया गया था।
इस योजना का उद्देश्य एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) सहित विभिन्न क्षेत्रों/उद्योगों के नियोक्ताओं के वित्तीय बोझ को कम करना और उन्हें अधिक श्रमिकों को काम पर रखने के लिए प्रोत्साहित करना था।
ईएलआई योजना का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य दो वर्षों में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के तहत, जहां पहली बार नौकरी पर रखे गए कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा। वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। साथ ही विनिर्माण क्षेत्र के लिए लाभ को दो साल के लिए बढ़ा दिया जाएगा।
ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसर प्रदान करने के लिए पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी। इसके लिए कुल व्यय दो लाख करोड़ रुपये रखा गया था।
ईएलआई योजना का उद्देश्य दो साल में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में प्रवेश करने वाले होंगे।
इस योजना का लाभ एक अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा।
भाषा