हिमाचल प्रदेश : मुख्यमंत्री सुक्खू ने आपदा प्रभावित मंडी के लिए सात करोड़ रुपये सहायता की घोषणा की
धीरज वैभव
- 10 Jul 2025, 08:25 PM
- Updated: 08:25 PM
(तस्वीरों के साथ)
शिमला, 10 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्य के लिए बृहस्पतिवार को सात करोड़ रुपये की तत्काल सहायता जारी करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाके के दौरे के दूसरे दिन थुनाग, बग्सियाड, देजी, बारा और स्यांज गांवों का दौरा किया और हाल में बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
सुक्खू ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल जल्द ही इस आपदा से प्रभावित लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज पर चर्चा करेगा और उसकी घोषणा करेगा।
मंडी जिले में 30 जून और एक जुलाई की दरमियानी रात 10 स्थानों पर बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 15 लोगों की जान चली गई, पांच घायल हो गए और 27 लोग अब भी लापता हैं।
इस आपदा से 1,184 मकान, 710 गौशालाएं और 201 दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस घटना में 780 मवेशी भी मारे गए हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पहले दो करोड़ रुपये जारी किए गए थे, और अब लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को 2-2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। जीर्णोद्धार कार्य में तेजी लाने के लिए खंड विकास कार्यालय को एक करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जा रही है।
अकेले देजी गांव में ही बादल फटने के कारण 11 लोग अब भी लापता हैं। बारा में दो और स्यांज गांव में चार लोगों की मौत की खबर है और पांच लोग अब भी लापता हैं।
मुख्यमंत्री ने पखरार पंचायत घर में प्रभावित परिवारों से बातचीत की और राजस्व अधिकारियों को सभी प्रकार के नुकसान का तुरंत आकलन करने का निर्देश दिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गाद या मलबे से भरे हुए या रहने के लिए असुरक्षित समझे जाने वाले किसी भी घर को ‘‘पूर्ण क्षतिग्रस्त’’ घोषित करें, ताकि अधिकतम मुआवजा दिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने घरेलू सामान के नुकसान और मारे गए मवेशियों के लिए भी मुआवजे का आश्वासन दिया तथा बागवानी और सेब उत्पादकों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए।
उन्होंने इसे ‘बड़ी’ आपदा करार देते हुए कहा कि पुनर्वास में समय लगेगा, लेकिन सरकार पीड़ितों को पूरी सहायता प्रदान करेगी।
बारा में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक आपदाओं से विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए एकमुश्त निस्तारण नीति पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि चूंकि हिमाचल प्रदेश में 68 प्रतिशत भूमि वन भूमि के रूप में वर्गीकृत है, इसलिए प्रभावित परिवारों को वन भूमि पर पुनर्वासित करने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी जाएगी।
सुक्खू ने कहा कि विद्यार्थियों की शिक्षा बिना किसी व्यवधान के जारी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए थुनाग स्थित वानिकी एवं बागवानी महाविद्यालय की कक्षाएं अस्थायी रूप से मंडी जिले के सुंदरनगर में आयोजित की जाएंगी।
थुनाग में स्कूली छात्राओं ने मुख्यमंत्री को अपने स्कूल भवन को हुए नुकसान से अवगत कराया। उनकी चिंता का समाधान करते हुए, सुक्खू ने उस क्षेत्र में सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) से संबद्ध एक स्कूल खोलने की घोषणा की।
भाषा धीरज