दिल्ली में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी के घर से कीमती सामान चुराने के आरोप में घरेलू सहायिका गिरफ्तार
यासिर प्रशांत
- 16 Jul 2025, 07:17 PM
- Updated: 07:17 PM
नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) दिल्ली में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी के घर से लाखों रुपये मूल्य का सामान चुराने और उसे बेचकर आईफोन, सोने की अंगूठी तथा दोपहिया वाहन खरीदने के आरोप में एक घरेलू सहायिका को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि चोरी का सामान बेचने में आरोपी की मदद करने वाले जौहरी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान घरेलू सहायिका जरीना बेगम और जौहरी आयुष सोनी के रूप में हुई। जौहरी ने चोरी की गई सामग्री को बहुत कम कीमत पर खरीद लिया था।
पुलिस ने बताया कि दोनों के पास से लगभग 150 ग्राम सोने के आभूषण, सोने की एक अंगूठी, एक आईफोन, एक स्कूटर और 1.2 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, ‘‘कर्नल (सेवानिवृत्त) पी. एस. कमल से तीन जुलाई को मधु विहार थाने में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया था कि उनके घर से बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के आभूषण, कलाई घड़ी और 12 हजार रुपये नकद गायब हो गए हैं।’’
चोरी किए गए सामान में लगभग 235 ग्राम सोना, 100 ग्राम चांदी और एक घड़ी शामिल थी।
प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई और पुलिस की विशेष टीम का गठन किया गया।
जांचकर्ताओं ने कल्याणपुरी निवासी और स्थानीय आभूषण दुकान के मालिक आयुष सोनी की पहचान की।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘सोनी को पकड़ लिया गया और उससे पूछताछ की गई। सोनी ने शिकायतकर्ता के घर पर काम करने वाली अंशकालिक घरेलू सहायिका जरीना बेगम से चोरी के सोने के आभूषण खरीदने की बात कबूल की। उसने कुछ आभूषणों को पिघलाकर नए आभूषणों में बदल दिया, जो छापे के दौरान उसकी दुकान से मिले।’’
बाद में पुलिस ने खिचड़ीपुर से जरीना बेगम को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ में उसने अपने मालिक के घर से कीमती सामान चुराकर सोनी को बेचने की बात कबूल की।
अधिकारी के अनुसार, जरीना ने बताया कि उसने इन रुपयों से एक आईफोन, एक दोपहिया वाहन और सोने की एक अंगूठी खरीदी।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अभिषेक धानिया ने बताया, ‘‘जरीना बहुत कम समय में अपना जीवन स्तर सुधारना चाहती थी और महंगे सामान खरीदना चाहती थी, जबकि आयुष सोनी चोरी के आभूषणों को सस्ते दामों पर खरीदकर, उन्हें नया रूप देकर बाजार मूल्य पर बेचकर लाभ कमाना चाहता था।’’
भाषा यासिर