कुर्दोफान में हिंसा बढ़ने के बीच सूडान में मानवीय सहायता पहुंचाना और मुश्किल हुआ
एपी सुभाष पवनेश
- 19 Jul 2025, 09:25 PM
- Updated: 09:25 PM
काहिरा, 19 जुलाई (एपी) सूडान के कुर्दोफान क्षेत्र में सैकड़ों लोगों की जान ले चुकी लड़ाई और देश के संघर्ष के केंद्र दारफुर में जारी हिंसा ने सूडान के मानवीय संकट को और बदतर बना दिया है तथा राहत सहायता प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि 12 जुलाई के सप्ताहांत में उत्तरी कुर्दोफान प्रांत के बारा शहर के आसपास के गांवों में हुए हमलों में कम से कम 35 बच्चों सहित 450 से अधिक लोग मारे गए।
मानवीय सहायता संगठन ‘मर्सी कॉर्प्स’ के सूडान निदेशक कादरी फुरानी ने एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक बयान में कहा, ‘‘कुर्दोफान में हर गुजरते दिन के साथ संकट बढ़ता जा रहा है। नागरिक समुदाय संघर्षरत क्षेत्रों में फंसे हुए हैं और बुनियादी जरूरतों या जीवनरक्षक सहायता पाने में असमर्थ हैं।’’
पिछले हफ्ते बारा में कम से कम 60 लोग मारे गए:
सूडान, देश की सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच बढ़ते तनाव के बाद युद्ध में उलझ गया, जो अप्रैल 2023 में लड़ाई तक पहुंच गया।
मानवीय संगठनों के अनुसार, हिंसा में अब तक कम से कम 40,000 लोग मारे गए हैं और दुनिया के सबसे बुरे विस्थापन और भुखमरी संकटों में से एक पैदा हुआ है। हाल के महीनों में, ज्यादातर लड़ाई दारफुर और कुर्दोफान क्षेत्रों में केंद्रित रही है।
बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने पुष्टि की कि 10 जुलाई से अब तक आरएसएफ ने बारा शहर में कम से कम 60 नागरिकों की हत्या की है, जबकि नागरिक समाज समूहों ने बताया कि 300 लोग मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, बृहस्पतिवार को बारा में हुए एक हवाई हमले में कम से कम 11 लोग मारे गए। वे सभी एक ही परिवार से थे। इस बीच, 10 से 14 जुलाई के बीच, सेना ने पश्चिमी कुर्दोफान के दो गांवों पर हवाई हमले कर कम से कम 23 नागरिकों की जान ले ली, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।
कुर्दोफान में लड़ाई से विस्थापन की स्थिति और बिगड़ी:
‘नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल’ की एक सहायता कार्यकर्ता, मथिल्डे वु ने एपी को बताया कि पिछले कई महीनों में उत्तरी कुर्दोफान और पश्चिमी कुर्दोफान में लड़ाई तेज हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में गांव तबाह हो रहे हैं और लोग विस्थापित हो रहे हैं। कुर्दोफान के बारे में सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि वहां के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है और बहुत से संगठन मदद नहीं कर पा रहे हैं। वहां पूरी तरह से युद्ध क्षेत्र जैसा माहौल है।’’
एपी सुभाष