जम्मू कश्मीर के रियासी में वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन, तीर्थयात्री की मौत
योगेश नेत्रपाल
- 21 Jul 2025, 05:34 PM
- Updated: 05:34 PM
(तस्वीरों के साथ)
जम्मू, 21 जुलाई (भाषा) जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले पुराने मार्ग पर सोमवार को हुए भीषण भूस्खलन में 70 वर्षीय एक तीर्थयात्री की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि कटरा शहर में हुई तेज बारिश से भूस्खलन हुआ, जिसकी वजह से एक बुकिंग कार्यालय और उसके ऊपर बना लोहे का ढांचा ढह गया।
भूस्खलन के बाद एहतियात के तौर पर यात्रा कई घंटों तक स्थगित रही।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीर्थयात्री की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
यह घटना सुबह लगभग साढ़े आठ बजे बाणगंगा के पास ‘गुलशन का लंगर’ में हुई। यह यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है।
भूस्खलन के कारण तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और सात अन्य को मामूली चोटें आईं।
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार वैश्य ने संवाददाताओं को बताया कि सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया है।
वैश्य ने कहा कि बचाव और मलबा हटाने का कार्य जारी है।
गंभीर रूप से घायल चेन्नई निवासी उप्पन श्रीवास्तव (70), उनकी पत्नी के राधा (66) और हरियाणा निवासी राजिंदर भल्ला (70) को नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें से श्रीवास्तव की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश की लीला रायकवार (56) का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटरा में इलाज हो रहा है।
उपराज्यपाल सिन्हा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, ‘‘श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में हुए दुखद भूस्खलन की घटना से मुझे गहरा दुख हुआ है, जिसमें दुर्भाग्यवश एक श्रद्धालु की जान चली गई। श्राइन बोर्ड को घायल श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा और सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। मैं स्थिति पर लगातार नजर रख रहा हूं।’’
अब्दुल्ला ने यात्रा मार्ग में भूस्खलन की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र निवासी सुरेश कुमार (66) और दो स्थानीय लोगों-निखिल ठाकुर (26) और विक्की शर्मा को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने के बाद ठाकुर ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं बुकिंग कार्यालय के अंदर था, तभी ऊपर लोहे के ढांचे पर पत्थर गिरने लगे। हमें भूस्खलन का खतरा महसूस हुआ, तो हमने दूसरों को सतर्क किया और बाहर निकल आए।”
उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण घटनास्थल पर श्रद्धालुओं और खच्चर चलाने वालों का एक छोटा समूह ही मौजूद था।
रविवार रात को हिमकोटि के पास नए रास्ते पर भी भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया था जिसे बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कटरा के सामान्य क्षेत्र में भूस्खलन के बाद, व्हाइट नाइट कोर के सैनिकों को प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए तुरंत तैनात किया गया।’’
इसने कहा, ‘‘प्रभावित स्थानीय लोगों को तत्काल सहायता प्रदान की गई, जिससे लोगों के प्रति सेना की अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित हुई।’’
अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर कई घंटों तक स्थगित रहने के बाद अपराह्न करीब दो बजे ताराकोट मार्ग से यात्रा बहाल कर दी गई।
भाषा योगेश