एआईयू विश्वविद्यालय खेलों का संचालन करने में असमर्थ, व्यापक सुधार की जरूरत: खेल मंत्रालय सूत्र
सुधीर आनन्द
- 22 Jul 2025, 05:57 PM
- Updated: 05:57 PM
नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) विश्व विश्वविद्यालय खेलों (डब्ल्यूयूजी) में ‘कुप्रबंधन’ के कारण भारत के लिए पैदा हुई शर्मनाक स्थिति से नाराज खेल मंत्रालय विश्वविद्यालय स्तर के खेलों के प्रशासन को संभालने के लिए एक अलग महासंघ की स्थापना करके भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।
जर्मनी के राइन-रूहर में चल रहे खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय बैडमिंटन टीम उस समय विवादों में घिर गई जब यह पता चला कि 16 जुलाई को प्रबंधकों की बैठक के दौरान भारतीय अधिकारियों द्वारा सभी नामों को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं करने के कारण चुने गए 12 खिलाड़ियों में से छह को भाग लेने से रोक दिया गया।
इसके अलावा महिला 400 मीटर धाविका देवयानी बाजला ने भी आरोप लगाया कि वह प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकीं क्योंकि उनका नाम ‘अधिकारियों द्वारा पुष्टिकरण सूची प्रस्तुत करने में देरी के कारण’ हटा दिया गया।
विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि मंत्रालय ने इस घटनाक्रम पर ध्यान दिया है।
मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से वे मामलों का उचित प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं। संभवतः इसका समाधान प्रशासन को संभालने के लिए एक अलग महासंघ बनाना है। इसमें सुधार की आवश्यकता है क्योंकि उच्च क्षमता वाले खिलाड़ियों को खोजने के लिए विश्वविद्यालय खेल ही हमारा सबसे अच्छा विकल्प हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बेशक यह दुखद है कि ऐसा कुछ हुआ और देश शर्मसार था। इसकी विस्तृत जांच की जाएगी।’’
देश में विश्वविद्यालय स्तर के खेलों के संचालन की जिम्मेदारी संभालने वाला एआईयू ने बैडमिंटन से जुड़ी घटना को स्वीकार किया है और इसके महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है।
इस बीच खिलाड़ियों को इन चूक का सिर्फ मलाल है।
खेलों में हिस्सा ले रहे एक खिलाड़ी ने इस घटना के बाद कहा, ‘‘निराशाजनक बात यह है कि अधिकारी अपनी गलती भी स्वीकार नहीं करते और ना ही कोई पछतावा दिखाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीम इतनी दूर से यात्रा करके आई है और इसके बावजूद मैनेजर की बैठक में वे नामों को देना भूल गए। मुझे नहीं पता कि इतनी बुनियादी जिम्मेदारी को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है।’’
भाषा सुधीर आनन्द