ब्रिटेन की सरकारी खरीद में भारतीय कंपनियों को मिलेगी गैर-भेदभावपूर्ण पहुंचः वाणिज्य सचिव
प्रेम प्रेम रमण
- 25 Jul 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में शामिल सार्वजनिक खरीद प्रावधान से भारतीय कंपनियों को 122 अरब डॉलर के ब्रिटिश बाजार तक गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच हासिल होगी।
बर्थवाल ने कहा कि पहली बार ब्रिटेन ने अपनी सामाजिक मूल्य व्यवस्था के तहत भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार प्रदान करने की बाध्यकारी प्रतिबद्धता पर सहमति जताई है।
इसके साथ ही एफटीए में भारत की तरफ से जताई गई प्रतिबद्धता से ब्रिटेन के आपूर्तिकर्ताओं के लिए 114 अरब डॉलर का विशाल बाजार खुलेगा।
यह भारत का दूसरा व्यापार समझौता है जिसमें सरकारी खरीद पर एक अध्याय शामिल किया गया है। इसके पहले 2022 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भी इस तरह के प्रावधान किए गए थे।
सार्वजनिक खरीद प्रावधान भारत के उन नियमों की भी रक्षा करते हैं जो एक निश्चित मूल्य से कम के अनुबंधों के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को प्रतिबंधित करते हैं।
ब्रिटेन के साथ एफटीए में भारत के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद की सीमा 5.5 करोड़ रुपये तय की गई है, जबकि ब्रिटेन के लिए यह सीमा 1.6 करोड़ रुपये है। निर्माण सेवाओं के संबंध में दोनों पक्ष 60 करोड़ रुपये की सीमा पर सहमत हुए हैं।
इस समझौते के तहत बाजार पहुंच केवल कुछ केंद्रीय सरकारी संस्थाओं तक सीमित है जिनमें वस्तुओं, सेवाओं और निर्माण सेवाओं में लगभग 250 करोड़ रुपये की सीमाएं हैं।
भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को ब्रिटेन के केंद्रीय स्तर पर और कुछ उपयोगिता स्तरों पर होने वाली खरीद में गारंटीकृत पहुंच प्राप्त होगी।
इस बीच, एक अधिकारी ने कहा कि भारत-ब्रिटेन एफटीए अनिवार्य लाइसेंस जारी करने के भारत के अधिकार को किसी भी तरह से कमजोर नहीं करता है। इसके अलावा यह समझौता लाइसेंस जारी करने की कोई नई पूर्व-शर्त भी नहीं जोड़ता है।
अधिकारी ने कहा कि ऐसे लाइसेंस जारी करने का संप्रभु अधिकार मौजूदा कानून के अनुरूप पूरी तरह से भारत सरकार के ही पास है।
उन्होंने कहा, "समझौते में स्वैच्छिक लाइसेंसिंग का संदर्भ केवल वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को स्वीकार करता है, जो सहयोगी समाधानों को प्रोत्साहित करती हैं।"
भाषा प्रेम प्रेम