राष्ट्रपति पद पर तीन साल : मुर्मू ने कहा, राष्ट्र की प्रगति से सबको जोड़ने का करती हूं प्रयास
संतोष रंजन
- 25 Jul 2025, 09:12 PM
- Updated: 09:12 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे करने पर कहा कि वह हमेशा समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचितों और पिछड़े वर्गों को देश की विकास यात्रा से प्रभावी ढंग से जोड़ने का प्रयास करती हैं।
कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विभिन्न पहलों को शुरू करने के मौके पर अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रपति भवन दिव्यांगजनों के लिए अधिक सुलभ हो गया है।
मुर्मू (67) ने 25 जुलाई 2022 को 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी । इसके साथ ही वह देश की आदिवासी राष्ट्राध्यक्ष बन गयी थीं।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह संतोष की बात है कि पिछले तीन वर्षों में कई ऐसे निर्णय लिए गए और कार्य किए गए जिनसे नागरिकों का राष्ट्रपति भवन से जुड़ाव बढ़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा हमेशा से प्रयास रहा है कि समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचितों और पिछड़े वर्गों को देश की विकास यात्रा से प्रभावी ढंग से जोड़ा जाए।’’
मुर्मू के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ‘राष्ट्रपति संपदा’ दिव्यांगजन-अनुकूल संपदा बन गई है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में कई नई पहल की जाएंगी।
मुर्मू ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान की 50 सूत्री सिफारिशों पर कार्यान्वयन के बाद राष्ट्रपति भवन, अमृत उद्यान और राष्ट्रपति भवन संग्रहालय दिव्यांगजन अनुकूल परिसर बन गए हैं।
मुर्मू ने मार्च 2027 तक राष्ट्रपति भवन को ‘नेट जीरो’ बनाने की पहल की शुरुआत की। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट अब 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैं।
बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने 250 से अधिक वस्तुओं की नीलामी के लिए ‘ई-उपहार सीजन 2’ की भी शुरुआत की । ई-उपहार राष्ट्रपति सचिवालय का एक नीलामी पोर्टल है जिसका उद्देश्य राष्ट्रपति और भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों को भेंट किए गए उपहार और वस्तुओं की नीलामी करना है।
बयान में कहा गया है कि नीलामी से प्राप्त सभी आय बच्चों के कल्याण से जुड़ी पहलों को दान की जाएगी।
‘ग्लोबल बॉन्ड्स’ शीर्षक वाले एक पृष्ठ पर उनकी विदेश यात्राओं का विवरण दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति ने न्यूजीलैंड, फिजी, तिमोर-लेस्ते, अल्जीरिया, मॉरिटानिया, मलावी, पुर्तगाल, स्लोवाक गणराज्य और रोम का दौरा किया।
ई-पुस्तक के अनुसार, वह फिजी, अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी का दौरा करने वाली पहली भारतीय राष्ट्राध्यक्ष हैं। अपनी यात्रा के दौरान, मुर्मू को फिजी और तिमोर-लेस्ते का सर्वोच्च पुरस्कार और अल्जीरिया एवं स्लोवाक गणराज्य में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
ई-पुस्तक में उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रपति, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर भी हैं, ने सियाचिन आधार शिविर का दौरा किया और सियाचिन युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
ई-पुस्तक में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति ने एम्स, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, बीआईटी मेसरा, एनएएलएसएआर और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय सहित लगभग 25 दीक्षांत समारोहों को संबोधित किया।’’
भाषा संतोष