झालवाड़ हादसा: दो बच्चों को खोने वाली मां ने कहा ‘मेरे घर के आंगन में खेलने वाला कोई नहीं बचा’
पृथ्वी जितेंद्र
- 26 Jul 2025, 05:15 PM
- Updated: 05:15 PM
झालावाड़, 26 जुलाई (भाषा) राजस्थान में झालावाड़ जिले के एक घर के जिस आंगन में कुछ दिन पहले तक दो भाई-बहन की हंसी गूंजा करती थी, अब वहां मातम पसरा हुआ है।
झालावाड़ के पिपलोदी गांव में शुक्रवार को एक सरकारी स्कूल की इमारत ढहने की घटना में दो भाई-बहन समेत सात बच्चों की मौत हो गई।
इस हादसे में छह साल के अपने बेटे कान्हा और 12 वर्षीय बेटी मीना को खोने के गम से बदहवास मां ने कहा, ‘‘मेरा सबकुछ लुट गया। मेरे दो ही बच्चे थे। दोनों चले गए। मेरा घर सूना हो गया। मेरे आंगन में खेलने वाला कोई नहीं बचा। एक लड़का था, एक लड़की। भगवान मुझे ले जाता, मेरे बेटे-बेटी को छोड़ देता।’’
शनिवार की सुबह जब सातों बच्चों के शव उनके परिवारों को सौंपे गए, तो एसआरजी अस्पताल के शवगृह के बाहर खड़े उनके परिजनों को संभालना मुश्किल हो गया। कुछ महिलाएं अपने बच्चों के शवों से लिपटकर विलाप कर रही थीं जबकि कुछ पीड़ित सदमे में मौन बैठे थे।
हादसे में मारे गए पांच बच्चों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया जबकि दो बच्चों की अंत्येष्टि अलग-अलग की गई।
घटना में अपने बच्चे को खोने वाली एक अन्य महिला ने घटना के समय स्कूल में मौजूद शिक्षकों की भूमिका पर सवाल उठाए।
उसने कहा, ‘‘मास्टर साहब भी स्कूल जाते हैं। खुद तो बाहर चले गए और बच्चों को अंदर छोड़ दिया। वे बाहर क्या कर रहे थे?’’
इस हादसे ने राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में सरकारी विद्यालयों के बुनियादी ढांचे की स्थिति और व्यवस्थागत उपेक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
इस हादसे में मारे गए बच्चों में सबसे छोटा बच्चा केवल छह साल का था। मृतकों की पहचान पायल (12), हरीश (8), प्रियंका (12), कुंदन (12), कार्तिक और भाई-बहन मीना (12) एवं कान्हा (छह) के रूप में हुई है।
स्कूल के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने अपने बच्चों को खोने वाले परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। झालावाड़ के जिलाधिकारी अजय सिंह ने शोकसंतप्त परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और कहा कि इस मामले के दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्कूल के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और जांच समिति गठित की गई है। जरूरत पड़ने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। अगर निलंबन के बाद निष्कासन करना पड़ा तो वह भी किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता एवं सहयोग दिया जा रहा है और स्कूली शिक्षा मंत्री ने गांव में एक नया भवन बनवाने की घोषणा की है।
अधिकारी ने कहा कि नियमानुसार आर्थिक सहायता पांच से 10 दिन में प्रत्येक परिवार को प्रदान कर दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने स्कूली शिक्षा मंत्री के दौरे से पहले झालावाड़ के एक अस्पताल के बाहर सड़क की मरम्मत कराए जाने संबंधी एक वीडियो को लेकर कहा, ‘‘सड़क कहां बनी है? मैं जानकारी प्राप्त करूंगा। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।’’
सिंह ने स्कूल भवन की मरम्मत के बारे में कहा, ‘‘इसके लिए स्पष्ट निर्देश हैं। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि भवन की स्थिति ठीक नहीं है तो विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश न करने दिया जाए।’’
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्कूल के कर्मियों ने इमारत की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।
मनोहर थाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल में बच्चे शुक्रवार सुबह प्रार्थना के लिए इकट्ठा हो रहे थे कि तभी इमारत का एक हिस्सा ढह गया।
इस घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों ने गुराड़ी चौराहे और एसआरजी अस्पताल के बाहर सड़क मार्ग को बाधित कर दिया और हादसे की जिम्मेदारी तय किए जाने की मांग की। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेता नरेश मीणा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पुलिस को सड़क से हटाने के लिए जब गुराड़ी चौराहे पहुंची तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे शनिवार को पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचीं।
वसुन्धरा बच्चों के परिजनों से मिलकर भावुक हो गईं और उन्होंने पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
भाषा पृथ्वी