दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में बारिश के कारण निर्माणाधीन इमारत की दीवार ढहने से मां-बेटे की मौत
सुरभि नेत्रपाल
- 30 Jul 2025, 12:29 AM
- Updated: 12:29 AM
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में मंगलवार को बारिश के कारण उपराज्यपाल के आधिकारिक निवास ‘राजनिवास’ के पास एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार ढह जाने से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गयी और दो अन्य लोग घायल हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ये चारों सहगल कॉलोनी स्थित एक निर्माण स्थल पर मजदूरी कर रहे थे।
अधिकारियों के अनुसार, मृतकों की पहचान मीरा (40) व उनके बेटे गणपत (17) के रूप में हुई है, जबकि घायलों की पहचान मीरा के बड़े बेटे दशरथ (19) और देवर नन्हे (35) के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि ये सभी मध्यप्रदेश से दिल्ली आए थे।
अधिकारियों ने बताया कि मीरा का पति मध्यप्रदेश में ही था।
अधिकारियों के अनुसार, मीरा व उनका बेटा निर्माण स्थल पर एक अस्थायी झोपड़ी में थे, जबकि नन्हे पास ही बैठा था कि तभी निर्माणाधीन आवासीय इमारत की लगभग 15 फुट ऊंची दीवार उनके ऊपर गिर गई।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सुबह नौ बजकर 53 मिनट पर सहगल कॉलोनी में दीवार गिरने की सूचना मिली थी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और पाया कि प्लॉट नंबर 1 पर काम कर रहे चार मजदूर मलबे के नीचे दबे हैं।’’
उन्होंने बताया कि चारों को तुरंत मलबे से बाहर निकाला गया और अरुणा आसफ अली अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘घटनास्थल पर प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कोर्ट रोड स्थित प्लॉट संख्या 7 की पूर्वी दीवार ढह गई क्योंकि दीवार की मजबूती के लिए ठोस काम नहीं किया गया था और न ही कोई सुरक्षा उपाय किए गए थे। इसके कारण ही इमारत ढह गई और मलबा... सहगल कॉलोनी स्थित प्लॉट नंबर 1 में निर्माण स्थल पर गिर गया जहां निर्माण कार्य जारी था। घटना में कई लोगों को चोटें आईं और कई लोगों की मौत हुई।’’
अधिकारी ने बताया कि सहगल कॉलोनी स्थित प्लॉट नंबर 1 पर अतुल गोयल और कोर्ट रोड स्थित प्लॉट नंबर 7 पर मेसर्स परी एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड निर्माण कार्य कर रही है।
पुलिस ने बताया कि इस घटना के संबंध में सिविल लाइंस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 290 (भवन निर्माण कार्य में लापरवाही, विशेष रूप से इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या निर्माण से संबंधित), धारा 125(ए) (दूसरों के जीवन या सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य) और धारा 106(1) (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
घायल मजदूर नन्हे ने बताया कि परिवार बेहतर जीवन जीने की उम्मीद में दिल्ली आया था और 500 रुपये प्रतिदिन कमा रहा था।
अस्पताल में इलाज करा रहे नन्हे ने कहा, ‘‘हम चार दिन पहले ही कमाने आए थे। अब हम दो शव लेकर लौटेंगे।’’
उसने बताया कि गांव में उसके भाई को अब भी अपनी पत्नी और बेटे की मौत के बारे में पता नहीं है।
नन्हे ने कहा कि परिवार ने चारदीवारी से कुछ फुट की दूरी पर अपना तंबू लगाया था।
उसने कहा, ‘‘दीवार अचानक गिर गई। मैं दशरथ के साथ बाहर था, लेकिन मीरा और गणपत अंदर थे और बाहर नहीं निकल सके। मैं सदमे में था... मुझे याद है कि लोगों ने हमें बाहर निकाला और चीखें सुनाई दे रही थीं।’’
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने बताया कि दीवार गिरने से आस-पास की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
भाषा सुरभि