हिमाचल के कई हिस्सों में भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी, वर्षा जनित कारणों से 103 मौतें
मनीषा माधव
- 04 Aug 2025, 02:17 PM
- Updated: 02:17 PM
शिमला, चार अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सोमवार और मंगलवार को भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है।
अधिकारियों के अनुसार, राज्य में मध्यम से तेज बारिश जारी रहने के कारण सोमवार को एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 310 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद रही।
राजधानी शिमला के उपनगर पंथाघाटी में रविवार रात भूस्खलन होने के कारण मेहली-शोघी बाईपास मार्ग अवरुद्ध हो गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि मलबे से सड़क बंद हो गई और गिरते पत्थरों से आसपास की कुछ दुकानों को नुकसान भी पहुंचा।
मौसम विभाग ने राज्य के कुछ स्थानों पर सोमवार और मंगलवार को भारी से बहुत भारी वर्षा के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये रंग और इनके संदेश.... ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं।
‘ऑरेंज अलर्ट’ का अर्थ है संभावित बिजली कटौती और परिवहन, रेल, सड़क तथा हवाई यात्रा में संभावित व्यवधान के लिए तैयार रहें।
रविवार शाम से अब तक कसौली में 82 मिमी, नैना देवी में 62.6 मिमी, जोगिंद्रनगर में 60 मिमी, ब्राह्मणी में 49.2 मिमी, मनाली में 45 मिमी, गुलैर में 29 मिमी, पंडोह में 27 मिमी, करसोग में 26.2 मिमी, सराहन में 25.5 मिमी और शिमला में 28 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
राज्य आपात संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सोमवार सुबह तक एनएच 305 (औट से सैंज) सहित 310 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इनमें से सबसे अधिक 171 सड़कें मंडी जिले में और 68 कुल्लू जिले में बंद हैं, जो आपदा से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र हैं।
इसके अलावा, बारिश की वजह से राज्यभर में 113 विद्युत ट्रांसफॉर्मर और 236 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
एसईओसी के अनुसार, 20 जून को मानसून की शुरुआत से अब तक राज्य को बारिश की वजह से 1,714 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इस दौरान प्रदेश में अब तक बाढ़ की 53 घटनाएं, बादल फटने की 28 घटनाएं और 47 बड़े भूस्खलन दर्ज किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक कुल 103 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग अब भी लापता हैं। मृतकों में 20 लोगों की मौत डूबने, 19 की गिरने से, 17 की बादल फटने, आठ की अचानक आई बाढ़ और छह की भूस्खलन से मौत हुई है।
भाषा
मनीषा