स्मार्ट सिटी की शुरुआत लोगों से होती है, तकनीक से नहीं : वेस्टबरी, जोहानिसबर्ग से सबक
द कन्वरसेशन रवि कांत रवि कांत नरेश
- 04 Aug 2025, 04:21 PM
- Updated: 04:21 PM
(रेनी नायडू, विटवाटरसैंड विश्वविद्यालय)
जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका), चार अगस्त (द कन्वरसेशन) अफ्रीकी शहर अविश्वसनीय गति से विकसित हो रहे हैं। इस विकास के साथ अवसर और चुनौतियां भी पेश आ रही हैं। हम ऐसे शहर कैसे बनाएं जो न केवल स्मार्ट हों, बल्कि निष्पक्ष, समावेशी और मजबूत भी हों?
एक स्मार्ट सिटी सेवाओं को अधिक कुशलता से चलाने और वास्तविक समय में समस्याओं का समाधान करने के लिए सेंसर, डेटा नेटवर्क और कनेक्टेड डिवाइस जैसे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करती है।
यातायात और बिजली से लेकर सार्वजनिक सुरक्षा और अपशिष्ट निपटान तक, स्मार्ट प्रौद्योगिकियों का लक्ष्य जीवन को अधिक सुगम, हरित और अधिक कनेक्टेड बनाना है।
आदर्श रूप से, स्मार्ट प्रौद्योगिकियां सरकार को नागरिकों की बात सुनने और बेहतर तरीके से उनकी सेवा करने में भी मदद करती हैं। लेकिन समुदाय के सहयोग के बिना, 'स्मार्ट' सिटी उन लोगों की अनदेखी कर सकती है जिनकी मदद करने के लिए इसे बनाया गया है।
इसीलिए एक अलग दृष्टिकोण जोर पकड़ रहा है। यह दृष्टिकोण तकनीकी कंपनियों या शहर के अधिकारियों से नहीं, बल्कि स्वयं निवासियों से शुरू होता है।
मैं जोहानिसबर्ग विश्वविद्यालय के टेरेंस फेन के साथ मिलकर यह जानने की कोशिश कर रहा हूं कि व्यवहार में यह कैसा दिखता है। हमने जोहानिसबर्ग के लोगों के एक समूह को अपने भविष्य के पड़ोस की कल्पना करने और यह समझने के लिए आमंत्रित किया कि तकनीक उन बदलावों में कैसे सहायक हो सकती है।
हमारा शोध दर्शाता है कि जब निवासी स्मार्ट सिटी के लिए दृष्टिकोण को आकार देने में मदद करते हैं, तो परिणाम अधिक प्रासंगिक, समावेशी और विश्वसनीय होते हैं।
स्मार्ट सिटी पर पुनर्विचार---
हमारा शोध केंद्र वेस्टबरी पर है, जो कि दक्षिण अफ्रीका के मध्य जोहानिसबर्ग के पश्चिम में एक घना, श्रमिक वर्ग का पड़ोस है।
मूल रूप से रंगभेद के तहत रंगीन (बहु-नस्लीय) लोगों के लिए नामित, वेस्टबरी अभी भी स्थानिक अन्याय, उच्च बेरोजगारी और गिरोह-संबंधी हिंसा से प्रभावित है, जो अवसरों और बुनियादी सेवाओं तक पहुंच को सीमित करने वाली चुनौतियां हैं।
इसके बावजूद, यह लचीलेपन, सांस्कृतिक गौरव और मजबूत सामुदायिक संबंधों का स्थान भी है।
हमने सहभागी भविष्य नामक एक पद्धति का परीक्षण किया, जो लोगों को अपने समुदायों के भविष्य की कल्पना करने और उसे आकार देने के लिए आमंत्रित करती है।
वेस्टबरी में, हमने 30 लोगों के एक समूह के साथ काम किया, जिन्हें स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न आयु वर्ग, लिंग और जीवन के अनुभवों को दर्शाने के लिए चुना गया था।
प्रतिभागियों ने कार्यशालाओं में भाग लिया, जहां उन्होंने अपने पड़ोस का मानचित्रण किया, कहानियां और कलाकृतियां बनाईं तथा इस बात पर चर्चा की कि वे किस प्रकार का भविष्य देखना चाहते हैं।
यह दृष्टिकोण हेलसिंकी, सिंगापुर और केपटाउन जैसे शहरों में प्रयुक्त समान तरीकों पर आधारित है, जहां शहरी नियोजन को सार्थक, जमीनी तरीकों से सूचित करने के लिए स्थानीय कल्पना का उपयोग किया गया है।
हमने लोगों को अपने भविष्य के पड़ोस की कल्पना करने के लिए आमंत्रित किया। वे किस तरह के बदलाव देखना चाहेंगे? स्थानीय मूल्यों और प्राथमिकताओं को दरकिनार किए बिना तकनीक इन बदलावों में कैसे सहायक हो सकती है?
इस प्रक्रिया के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया कि समुदाय इस बात में अपनी बात रखना चाहते हैं कि तकनीक उनकी दुनिया को कैसे आकार देती है। उन्होंने सुरक्षा, संस्कृति और स्थिरता को प्राथमिकताएं बताया, लेकिन ऐसी तकनीक चाहते थे जो उनके मूल्यों और रोजमर्रा की वास्तविकताओं का समर्थन करे, न कि उनका स्थान ले ले।
कार्यशालाओं से पता चला कि जब लोग अपने भविष्य के पड़ोस की कल्पना करते हैं, तो प्रौद्योगिकी का मतलब गैजेट या प्रचलित शब्दों से नहीं होता; यह वास्तविक समस्याओं को उनके जीवन के अनुकूल तरीकों से हल करने से होता है।
सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता थी। निवासियों ने स्मार्ट निगरानी प्रणालियों की कल्पना की थी जो अपराध कम करने में मदद कर सकती थीं, लेकिन वे स्पष्ट थे: इन प्रणालियों को स्थानीय स्तर पर नियंत्रित करने की आवश्यकता थी।
कैमरे और सेंसर तब तक ठीक थे, जब तक उनका प्रबंधन समुदाय के उन लोगों द्वारा किया जाता था जिन पर वे भरोसा करते थे, न कि किसी दूरस्थ अधिकारी द्वारा। लक्ष्य सुरक्षित सड़कें बनाना था, दूर से अधिक नियंत्रण प्राप्त करना नहीं।
वेस्टबरी में सुरक्षा एक गहरी चिंता का विषय है, जहां निवासी गिरोह हिंसा, नशीली दवाओं से संबंधित अपराध और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ तनावपूर्ण संबंधों की दैनिक वास्तविकता के साथ जी रहे हैं।
सरकारी ढांचों में विश्वास कम होता जा रहा है। स्मार्ट सुरक्षा तकनीकों की चाहत निगरानी के बारे में नहीं, बल्कि नियंत्रण और सुरक्षा की भावना को पुनः प्राप्त करने के बारे में है।
बिजली की आपूर्ति लगातार होती रहे। वेस्टबरी में बिजली कटौती आम बात है। लोग सौर ऊर्जा संयंत्र चाहते थे, पर्यावरण के अनुकूल विलासिता के लिए नहीं, बल्कि बुनियादी ढांचे के रूप में।
उन्होंने ऐसे सौर केंद्रों की कल्पना की जो बिजली कटौती के दौरान भी घरों, स्कूलों और स्थानीय व्यवसायों को बिजली प्रदान करते रहें। स्थायित्व कोई अमूर्त लक्ष्य नहीं था; यह आत्मनिर्भरता और गरिमा के बारे में था।
प्रौद्योगिकी ने सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के द्वार भी खोले। निवासियों ने ऐसे उपकरणों का सपना देखा जिनसे उनकी कहानियां सचमुच दृश्यमान हो सकें।
भविष्य के लिए सबक---
अगर हम चाहते हैं कि अफ्रीकी स्मार्ट सिटी सफल हों, तो उन्हें केवल उन लोगों के लिए नहीं, बल्कि उन लोगों के साथ मिलकर डिजाइन करना होगा जो उनमें रहते हैं। टॉप डाउन मॉडल रोजमर्रा की जिंदगी की बारीकियों को नजरअंदाज कर सकते हैं।
द कन्वरसेशन रवि कांत रवि कांत