हिमाचल प्रदेश ने 2,123 क्विंटल गेहूं खरीदा, किसानों को 1.27 करोड़ रुपये हस्तांतरित
राजेश राजेश रमण
- 04 Aug 2025, 07:27 PM
- Updated: 07:27 PM
शिमला, चार अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष प्राकृतिक रूप से उपजाए गए 2,123 क्विंटल गेहूं की खरीद की है। एक सरकारी प्रवक्ता ने सोमवार को यहां बताया।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे लाभों के कारण किसान बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। इन लाभों में गेहूं, मक्का, हल्दी और दूध के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 838 किसानों से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 2,123 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है और उनके बैंक खातों में प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से 1.27 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। इसके अलावा, गेहूं के परिवहन पर 4.15 लाख रुपये की माल ढुलाई सब्सिडी भी प्रदान की गई है।
राज्य सरकार ने छह जिलों के किसानों से 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 1,270 क्विंटल प्राकृतिक रूप से उपजाई गई कच्ची हल्दी भी खरीदी है और उनके बैंक खातों में 1.14 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
इसके अलावा, दस जिलों के 1,509 किसानों से 3,990 क्विंटल मक्का भी खरीदा गया है और उनके खातों में 1.40 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
चंबा जिले के पांगी मंडल को राज्य का प्राकृतिक कृषि मंडल घोषित किया गया है और सरकार सितंबर के अंतिम सप्ताह से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 40 टन प्राकृतिक रूप से उपजाए गए जौ की खरीद करेगी।
राज्य सरकार बाजारों में 'हिम-भोग' ब्रांड के तहत प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलों के उत्पाद बेच रही है, जो दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय हो रहे हैं और उपभोक्ता रसायन-मुक्त उत्पाद खरीदने के लिए आगे आ रहे हैं।
किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु, राज्य सरकार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर रही है ताकि वे अपने खेतों में ऐसी फसलें उगा सकें। और अब तक राज्य में 3.06 लाख किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कुल 3,584 ग्राम पंचायतों की 38,437 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया जा चुका है, और 2,22,893 से अधिक किसान विभिन्न फसलें उपजा रहे हैं।
भाषा राजेश राजेश