उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों की भौतिक स्थिति की व्यापक समीक्षा कराई जाए: योगी आदित्यनाथ
आनन्द राजकुमार
- 04 Aug 2025, 09:45 PM
- Updated: 09:45 PM
लखनऊ, चार अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि परिषदीय विद्यालयों की भौतिक स्थिति की व्यापक और सघन समीक्षा कराई जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी विद्यालय जर्जर भवन, गंदगी अथवा बुनियादी सुविधाओं की कमी से प्रभावित नहीं होना चाहिए, जहां भी ऐसी स्थिति हो, वहां त्वरित प्रभाव से सुधार कार्य शुरू कर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को प्रेरक, सुंदर और सुरक्षित वातावरण में शिक्षा देने के लिए सरकार कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु सभी जनपदों में जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की अगुवाई में विशेष टीम गठित कर भौतिक सत्यापन कराया जाए। स्कूल भवन की मजबूती, पेयजल, शौचालय, विद्युत, फर्नीचर, दीवारों की रंगाई-पुताई, रैम्प की सुविधा और बच्चों के बैठने की व्यवस्था जैसे सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा की जाए।”
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन विद्यालयों के भवन पूर्ण रूप से जर्जर हो चुके हैं, वहां बच्चों को तत्काल अस्थायी स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए और मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण कार्य यथाशीघ्र शुरू कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने “ऑपरेशन कायाकल्प” की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि 2017 से पहले राज्य में केवल 36 प्रतिशत स्कूलों में बुनियादी ढांचे की व्यवस्था थी और मात्र 7500 स्कूलों में पुस्तकालय थे।
उनका कहना था कि बालिकाओं के लिए शौचालय की सुविधा केवल 33.9प्रतिशत विद्यालयों में ही उपलब्ध थी तथा डिजिटल शिक्षा, स्मार्ट क्लास, यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और पुस्तक वितरण जैसी व्यवस्थाएं बेहद कमजोर थीं।
उन्होंने शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत प्रदेश में हुए नामांकन का जिक्र करते हुए कहा कि 2016-2017 में मात्र 10784 बच्चों का नामांकन हुआ था, वहीं 2024-2025 में 4.58 लाख बच्चों का नामांकन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत आठ वर्षों में राज्य सरकार ने परिषदीय विद्यालयों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने हेतु व्यापक सुधार किए हैं तथा ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत 19 पैरामीटर पर 96प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 1,32,678 विद्यालयों में पुस्तकालय चल रहे हैं, जहां न्यूनतम 500 पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि सत्र 2024-25 में 15.37 करोड़ पाठ्यपुस्तकों का निःशुल्क वितरण किया गया है तथा 4.53 लाख शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जनपद से एक विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार कर शीघ्र शासन को उपलब्ध कराई जाए।
भाषा आनन्द