शिबू सोरेन का आज उनके पैतृक गांव नेमरा में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा अंतिम संस्कार
गोला सुरभि
- 05 Aug 2025, 10:59 AM
- Updated: 10:59 AM
(तस्वीर के साथ)
रांची, पांच अगस्त (भाषा) वरिष्ठ आदिवासी नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सह-संस्थापक शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार मंगलवार को रामगढ़ जिले में उनके पैतृक गांव नेमरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
‘गुरुजी’ के नाम से मशहूर शिबू सोरेन ने सोमवार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी और वहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार की तैयारियां झारखंड के रामगढ़ जिले में उनके पैतृक गांव में की जा रही हैं। यह स्थान राज्य की राजधानी रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।
सोरेन का गुर्दे से जुड़ी बीमारियों के लिए एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाज किया जा रहा था। वह 81 वर्ष के थे।
उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर को किया जाएगा।
रामगढ़ के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए नेमरा का दौरा किया।
अंतिम संस्कार के लिए विशेष यातायात व्यवस्था की गई है क्योंकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य कई नेताओं के इसमें शामिल होने की संभावना है।
देशभर के नेताओं का रांची पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंचे आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं पार्टी की ओर से शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद झारखंड का गठन किया और आदिवासियों व वंचितों के लिए भी लंबी लड़ाई लड़ी। उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है।’’
आज सुबह यहां पहुंचीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय ने कहा, ‘‘हमारी (पश्चिम बंगाल की) मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं आ सकीं। उन्होंने मुझे और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन को शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए भेजा। लोगों के प्यार और सम्मान के कारण उनका नाम इतिहास में दर्ज रहेगा।’’
बिहार में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने यहां हवाई अड्डे पर कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा की विचारधारा पर चलते हुए सोरेन न केवल झारखंड में बल्कि पूरे देश में वंचितों और शोषितों की आवाज बन गए। वह संघर्ष, मानवता और सामाजिक न्याय के प्रतीक थे।’’
इस बीच, ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन के निधन से नेमरा गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
अंतिम संस्कार से पहले शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज सुबह झारखंड विधानसभा में लाया जाएगा ताकि विधायक और अधिकारी उनके अंतिम दर्शन कर सकें।
उनके निधन से उस निर्णायक राजनीतिक युग का अंत हो गया, जिसने झारखंड के आदिवासी आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी।
शिबू सोरेन पिछले 38 वर्षों से झामुमो के नेता थे।
उनके सम्मान में झारखंड सरकार ने छह अगस्त तक तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
झारखंड के अधिकतर स्कूल मंगलवार को बंद हैं और कई विद्यालयेां में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थना की जा रही है।
सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही भी वर्तमान सांसद शिबू सोरेन के निधन के बाद उनके सम्मान में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
झारखंड विधानसभा का मौजूदा मानसून सत्र उनके निधन की घोषणा के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। मानसून सत्र एक अगस्त से शुरू हुआ था।
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि सोरेन का निधन न केवल झारखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
सदन की ओर से शोक व्यक्त करते हुए महतो ने कहा, ‘‘वह गरीबों के वास्ते अपनी लड़ाई के लिए जाने जाते थे।’’
शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर दिल्ली से एक विशेष विमान के जरिए रांची लाया गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी एवं विधायक कल्पना सोरेन और भाई एवं विधायक बसंत सोरेन भी झारखंड लौट आए।
फूलों से सजी एक खुली गाड़ी में पार्थिव शरीर को हवाई अड्डे से रांची स्थित सोरेन के मोराबादी स्थित आवास तक ले जाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री और उनके विधायक भाई पूरी यात्रा के दौरान अपने पिता के पार्थिव शरीर के पास बैठे रहे।
मुख्यमंत्री सोरेन की पत्नी वाहन के आगे बैठी नजर आईं और उन्होंने कहा, ‘‘सब कुछ वीरान हो गया है... आपका संघर्ष, आपका प्यार, आपकी प्रतिबद्धता- आपकी यह बेटी कभी नहीं भूलेगी।’’
भाषा गोला