बीते सप्ताह रास में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी को लेकर विपक्ष का हंगामा, बैठक दो बजे तक स्थगित
मनीषा माधव
- 05 Aug 2025, 12:45 PM
- Updated: 12:45 PM
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) बीते सप्ताह राज्यसभा में सदन के अंदर मार्शलों की जगह सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती तथा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को उच्च सदन की बैठक 11 बज कर 45 मिनट पर दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी गई।
उपसभापति हरिवंश और सरकार दोनों ने ही सदन के अंदर मार्शलों की जगह सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती किए जाने संबंधी विपक्ष का दावा सिरे से खाारिज कर दिया। इस पर विरोध जता रहे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक सूचीबद्ध दस्तावेज और रिपोर्ट सदन के पटल पर रखवाए। इसके तुरंत बाद, उपसभापति ने सदन को सूचित किया कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीते सप्ताह राज्यसभा में सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती को लेकर उन्हें एक पत्र लिखा था। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि खरगे का वह पत्र मीडिया के पास पहुंच गया।
इसी दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हरिवंश ने इन सदस्यों से शांत रहने और उनकी बात सुनने की अपील की। उन्होंने कहा ‘‘आपको आसन का पक्ष सुनना चाहिए। आप अपनी ही बात कहेंगे और आसन की बात नहीं सुनेंगे। ऐसा नहीं होगा।’’
शुक्रवार को लिखे पत्र में, खरगे ने कहा था कि सदन में सीआईएसएफ के जवान तैनात हैं और विपक्षी नेताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने से रोक रहे हैं। हरिवंश और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने खरगे के दावे का खंडन करते हुए कहा कि सदन में तैनात जवान संसदीय सुरक्षा से संबद्ध थे।
उपसभापति ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जो लोग सदन में आए थे वे मार्शल हैं जो संसद की सुरक्षा करने से लेकर विविध भूमिकाएं निभाते हैं।
रीजीजू ने यह भी कहा कि खरगे सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि विपक्ष "अराजकता" फैला रहा है।
उप सभापति ने कहा कि 25 जुलाई, 28 जुलाई, 31 जुलाई और 01 अगस्त को विपक्षी सदस्यों ने स्वयं तो हंगामा किया लेकिन सदन में इन तारीखों पर अपनी बात रख रहे दूसरे सदस्यों को भी बोलने से रोकने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने आसन के सामने आ कर हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने का अनुरोध किया। अपनी बात का असर न होते देख हरिवंश ने 11 बज कर 45 मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।
द्रमुक के तिरूचि शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह सदन विचार विमर्श और चर्चा के लिए है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सदन में उठाना चाहते हैं और उन्हें बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए।
इससे पहले सदन में पूर्व सदस्य प्रवीण नाइक को उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। उच्च सदन में गुजरात का फरवरी 2010 से अगस्त 2011 तक प्रतिनिधित्व करने वाले नाइक का 24 जुलाई 2025 को निधन हो गया था।
भाषा
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