माकपा नेता शैलजा ने दोषियों की सार्वजनिक विदाई में भाग लेने को उचित ठहराया
यासिर सुरेश
- 05 Aug 2025, 09:33 PM
- Updated: 09:33 PM
कन्नूर (केरल), पांच अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं राज्यसभा सदस्य सी. सदानंदन मास्टर पर 1994 में हुए हमले के दोषी कार्यकर्ताओं के एक समूह के लिए आयोजित सार्वजनिक विदाई समारोह में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एवं मट्टनूर की विधायक के. के. शैलजा ने अपनी भागीदारी को मंगलवार को उचित ठहराया।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शैलजा के खिलाफ की गई आलोचना पर पत्रकारों ने उनकी प्रतिक्रिया मांगी तो मंत्री ने कहा कि यह मीडिया द्वारा दिखाए जा रहे विदाई समारोह की तरह बिल्कुल नहीं थी, बल्कि उन्होंने सोमवार को पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में इसमें शिरकत की थी।
उन्होंने दावा किया कि अदालत ने 30 साल पुराने मामले में पार्टी के आठ कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया है, लेकिन यहां के स्थानीय लोग अच्छी तरह जानते हैं कि वे ऐसी किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं रहे हैं।
शैलजा ने कहा कि इस मामले में दोषी ठहराए गए लोगों में एक शिक्षक और एक सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ लोग तो घटना के समय राजनीति में सक्रिय भी नहीं थे।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया है, जिसके कारण अब वे 30 साल बाद जेल जा रहे हैं। उनके परिवार भी बहुत दुखी हैं।’’
विधायक ने कहा कि हालांकि यह सच है कि वह कार्यक्रम में मौजूद थीं, लेकिन यह सार्वजनिक विदाई नहीं थी, जैसा कि मीडिया द्वारा प्रचारित किया जा रहा है।
वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी मास्टर द्वारा इस घटना की कड़ी निंदा किये जाने और इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ एवं ‘अफसोसजनक’ कहे जाने के एक दिन बाद आई है।
मास्टर ने कहा था, ‘‘आपराधिक मामलों में संलिप्त माकपा कार्यकर्ताओं के प्रति शैलजा का यह दृष्टिकोण उन्हें ऐसे और अधिक कृत्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है और यह अत्यंत खेदजनक है।’’
राजनीतिक रूप से अस्थिर कन्नूर जिले में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता मास्टर राजनीतिक हिंसा के शिकार रहे हैं और 1994 में माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से किए गए हमले में उनके पैर कट गये थे।
उच्च न्यायालय ने 30 साल पुराने मामले में पार्टी कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा दायर अपील को हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया।
दोषियों ने सोमवार को थालास्सेरी सत्र न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
जेल ले जाने के लिए पुलिस वाहन में चढ़ने पर वामपंथी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में नारेबाजी करते हुए कहा, ‘‘लाल सलाम कामरेड्स।’’
इसके बाद दोषियों को कन्नूर केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया।
भाषा यासिर