उत्तरकाशी के धराली में बादल फटा, चार की मौत
खारी
- 05 Aug 2025, 10:18 PM
- Updated: 10:18 PM
(तस्वीरों सहित)
उत्तरकाशी, पांच अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गांव धराली में बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में बाढ़ आने से चार लोगों की मौत हो गई तथा 60-70 लोग फंस गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण कई मकान और होटल भी तबाह हो गए। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है।
अधिकारियों ने बताया कि दोपहर बाद की इस घटना में कम से कम आधा गांव मलबे और कीचड़ में दब गया। बाढ़ के पानी के तेज बहाव और मलबे के कारण तीन-चार मंजिला मकानों सहित आस-पास की इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं।
उन्होंने बताया कि खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से यह विनाशकारी बाढ़ आई।
आपदा से प्रभावित धराली अकेला स्थान नहीं था। राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि तेज गति से आया सैलाब एक ही पहाड़ी के दो अलग-अलग छोर से बहा—एक धराली की ओर दूसरा सुक्की गांव की ओर।
इस बीच, शाम तक बारिश जारी रही जिसके कारण राहत एवं बचाव कार्यों में बाधा आई।
इसके अलावा, राज्यभर में भूस्खलन के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण भी राहत कार्य में अड़चनें आईं और बचावकर्मियों को आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचने में कठिनाई हुई।
सुमन ने बताया कि हर्षिल में मौजूद सेना की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया लेकिन खराब मौसम और सड़कों के कारण अन्य स्थानों से टीम को पहुंचने में काफी मुश्किलें आयीं।
घटनास्थल के लिए रवाना होने से पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना में चार लोगों की मृत्यु हुई है।
बाढ़ में लापता हुए लोगों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इस संख्या के अधिक होने की आशंका है क्योंकि पानी के अचानक आने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका ही नहीं मिला।
उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि 40 से 50 इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर की सेवाएं भी नहीं ली जा सकीं।
उन्होंने कहा कि लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि धराली बाजार का एक बड़ा हिस्सा आपदा में बह गया है।
एक स्थानीय निवासी राजेश पंवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि घटना में संभवत: करीब 20-25 होटल और होमस्टे तबाह हुए होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीम को भी आपदाग्रस्त स्थल पर पहुंचने को कहा गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम भी मौके के लिए रवाना हो गयी है।
बादल फटने से धराली में आई आपदा के एक वीडियो में लोगों को डर के मारे चीखते सुना जा सकता है जबकि एक अन्य वीडियो में एक आवाज सुनाई दे रही है, ‘‘सब कुछ खत्म हो गया है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर मैंने हालात की जानकारी ली है। राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव की टीमें हरसंभव प्रयास में जुटी हैं। लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी धामी से बात की और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए सात बचाव दल भेजने का आदेश दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं और कीमती जानें बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं।
ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में घायलों के लिए बिस्तर आरक्षित रखे गए हैं और एंबुलेंस धराली पहुंच गयी हैं।
मुख्यमंत्री धामी अपना आंध्र प्रदेश का दौरा बीच में ही छोड़कर देहरादून लौट आए और अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया।
धामी ने धराली में हुए भारी नुकसान पर दुख जताया और कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी ।
उन्होंने बताया कि बताया कि राहत एवं बचाव कार्यों में सेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा जिला प्रशासन की टीम युद्धस्तर पर लगी हैं।
धामी ने प्रभावितों को हवाई मार्ग से लाने तथा उनके लिए तत्काल भोजन, कपड़े और दवाइयां भिजवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को वायु सेना के एमआई—17 का सहयोग लेने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों मेहरबान सिंह बिष्ट, अभिषेक रुहेला तथा गौरव कुमार को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं जो उत्तरकाशी जाकर बचाव एवं राहत कार्यों की निगरानी करेंगे।
बुधवार को भी मौसम से ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
भाषा सं दीप्ति