आरबीआई का कदम संतुलित, पर घरों की मांग को गति देने को रेपो दर में और कटौती जरूरी: रियल एस्टेट
निहारिका रमण अजय
- 06 Aug 2025, 01:47 PM
- Updated: 01:47 PM
नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) जमीन, मकान के विकास से जुड़ी कंपनियों तथा विशेषज्ञों ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक का नीतिगत दर (रेपो) को यथावत रखने का निर्णय एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, लेकिन घरों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए त्योहारों के दौरान रेपो दर को कम करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि नीतिगत दर में पहले की गई कटौती से आवासीय संपत्तियों की मांग को बनाए रखने में मदद मिली है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितता के बीच प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर कायम रखने का निर्णय किया।
क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर जी पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक का निर्णय ‘‘ एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक अनिश्चितताओं एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों व वार्ताओं के उभरते परिदृश्य के बीच अर्थव्यवस्था को सहारा देना है।’’
उन्होंने कहा कि पहले की गई ब्याज दरों में कटौती ने आवास क्षेत्र में मजबूत मांग को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पटेल ने कहा, ‘‘ इस समय दरों में मामूली कमी से इस गति को और तेज किया जा सकता था जिससे अधिक संभावित मकान खरीदार खासकर किफायती एवं मध्यम आय वर्ग के लोग घर खरीदने को प्रोत्साहित होते। हमें आगामी त्योहारों के दौरान दरों में कटौती की उम्मीद है।’’
रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष में रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर बनाए रखना एक स्वागतयोग्य कदम है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, हमारा मानना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र को और मजबूती देने के लिए रेपो दर को 5.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाना चाहिए और आरबीआई को अगली एमपीसी बैठक में इसे कम करने पर विचार करना चाहिए। अभी रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन की जरूरत है और आगामी त्योहारों से डेवलपर को नई परियोजानाएं लाने और लोगों मकान खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।’’
रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘ रेपो दर को यथावत रखने का आरबीआई का निर्णय बदलती व्यापक आर्थिक परिस्थितियों के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। फरवरी, 2025 से अबतक कुल एक प्रतिशत की कटौती के साथ अब ध्यान बेहतर ऋण प्रवाह और व्यापक आर्थिक गति पर केंद्रित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह घोषणा मौजूदा मांग में सुधार और स्थिर विकास के दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो रियल एस्टेट, विनिर्माण और बुनियादी ढांचा सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए बाजार के विश्वास को मजबूत करती है। विशेष रूप से रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए, यह स्थिरता का संकेत देता है...। आगामी त्योहारों और मुद्रास्फीति में नरमी से बाजार की गति को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।’’
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘ रेपो दर को वर्तमान स्तर पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय स्थिर मुद्रास्फीति के बीच आर्थिक सुधार को समर्थन देने के लिए एक स्थिर दृष्टिकोण को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘...वर्तमान नीतिगत रुख से कर्ज सस्ता बना रहेगा...। इससे उपभोक्ता का विश्वास बनाए रखने और रियल एस्टेट सहित प्रमुख क्षेत्रों में जारी गति को समर्थन मिलने की उम्मीद है।’’
मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक (एमडी) यश मिगलानी ने कहा, ‘‘ आरबीआई का फैसला रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए भरोसे और स्थिरता का संकेत है। महंगाई के धीरे-धीरे नियंत्रण में आने से प्रमुख ब्याज दरों का न बढ़ना मकान खरीदने वालों के लिए राहत भरा कदम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे आवासीय मांग को और बढ़ावा मिलेगा और साथ ही डेवलपर को भी लंबी अवधि की योजना बनाने में मदद मिलेगी। हमें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में सरकार और आरबीआई मिलकर ऐसी नीतियां लाएंगे जो घर खरीदारों का भरोसा और मजबूत करेंगी।’’
कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा कि मौद्रिक नीति में स्थिरता मकान खरीदारों और रियल एस्टेट डेवलपर के लिए खासकर किफायती एवं मध्यम आय वर्ग के लिए शुभ संकेत है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ हाल के दिनों में ब्याज दरों में हुई कमी का पूरा लाभ आगामी तिमाहियों में अंतिम उपयोगकर्ताओं को मिलने की उम्मीद है, जिन्हें कम वित्तपोषण लागत का लाभ मिलने की संभावना है। आगामी त्योहारों से डेवलपर समय पर परियोजनाओं को पूरा करने, नए पेशकश और त्योहारी छूट के साथ इस गति का और अधिक लाभ उठा सकते हैं...।’’
कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा, ‘‘ आरबीआई का फैसला मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। हालांकि, दरों में और कटौती से सभी क्षेत्रों में मकानों की मांग में और तेजी आती, लेकिन कर्ज लागत अब भी अपेक्षाकृत अनुकूल स्तर पर बनी हुई है। परिणामस्वरूप, आवास बाजार की वृद्धि के बढ़ते रहने की संभावना है।’’
काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी ने कहा, ‘‘ हम आरबीआई के इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह दर फिलहाल देश की आर्थिक स्थिति के हिसाब से ठीक है और रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए भी फायदेमंद है। ’’
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अपना 'तटस्थ' रुख बरकरार रखा है, जो तेजी से गिरती महंगाई दर के साथ मिलकर यह संकेत देता है कि अक्टूबर की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद की जा सकती है।
वीएचडी ग्रुप के निदेशक राकेश कौशिक ने कहा, ‘‘रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने और तटस्थ रुख बनाए रखने का आरबीआई का फैसला नीति के स्तर पर स्थिरता को मजबूत करता है। यह खासकर मझोले और छोटे शहरों (टियर-2 और टियर-3) शहरों में बाजार के भरोसे को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘... लगातार स्थिर मौद्रिक नीति पहला घर खरीदने वालों को सोच-समझकर फैसला लेने का बेहतर माहौल देती है। पिछली बार की दर में कटौती से जो रफ्तार बनी थी, यह स्थिर रुख उसे आगे बढ़ाएगा और आने वाले त्योहारों के सीजन में मकान खरीदारों की दिलचस्पी बनी रहेगी।’’
मानसूम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतनारायण वरयूर ने कहा, ‘‘आरबीआई का रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाने के लिए एक सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाता है...। वरिष्ठ नागरिक आवास क्षेत्र के लिए, ब्याज दरों में यह स्थिरता लंबी अवधि में फायदेमंद हो सकती है।’’
भाषा निहारिका रमण