पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक : तेलंगाना के मुख्यमंत्री विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए
राजकुमार सुरेश
- 06 Aug 2025, 04:50 PM
- Updated: 04:50 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने विधानसभा द्वारा पारित पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयकों पर राष्ट्रपति की मंजूरी की मांग को लेकर बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा-नीत सरकार राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों की राह में अडंगा लगा रही है, क्योंकि यह (सरकार) ‘अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विरोधी’ है।
तेलंगाना विधानसभा ने शिक्षा, रोजगार और स्थानीय निकायों में ओबसी आरक्षण की सीमा को 42 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए मार्च में दो विधेयक पारित किए थे। ये विधेयक राज्यपाल को भेजे गए थे और वर्तमान में राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि जातिगत गणना को राज्य मंत्रिमंडल, विधानसभा और लोगों द्वारा विधिवत मंजूरी दी गई थी। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र एक निर्वाचित राज्य सरकार के फैसले को कैसे धता बता सकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम ओबीसी समर्थक हैं। राहुल गांधी ओबीसी समर्थक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी विरोधी हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह आरक्षण कैसे दिलाया जाए। अगर वह (मोदी) इस बार नहीं देंगे, तो हम उन्हें आगामी चुनाव में हरा देंगे। प्रधानमंत्री को जातिगत गणना की जरा भी परवाह नहीं है। उनके इरादे ओबीसी के खिलाफ हैं।’’
भाजपा की तेलंगाना इकाई ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस, पिछड़ी जातियों को 42 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा करने के बावजूद, अब पिछड़े वर्गों की आड़ में मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण दे रही है।
इन आरोपों को राजनीतिक स्टंट बताते हुए रेड्डी ने कहा कि इससे भाजपा नहीं बच पाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राज्यपाल ने विधेयकों को मंजूरी दे दी है। राहुल गांधी ओबीसी के वैध अधिकार हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, (जबकि) मोदी ने ओबीसी को वैध अधिकार देने से इनकार कर दिया है।’’
तेलंगाना के कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और ‘कांग्रेस की जय’ और ‘तेलंगाना की जय’ के नारे लगाए।
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि अगर इस देश में कोई क्रांति शुरू होती है, तो ‘‘वह हमेशा दक्षिण से शुरू होती है तथा पंजाब और बंगाल इसका समर्थन करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई सचमुच कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की आवाज बनने का साहस रखता है, तो वह राहुल गांधी हैं। वह ब्राह्मण हैं, अगर उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी चाहिए होती, तो वह डॉ. मनमोहन सिंह के बाद इसे ले सकते थे, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने देश भर में पैदल यात्रा करना चुना। उन्होंने जो किया है, वह करने का साहस किसी और में नहीं है।’’
यादव ने रेवंत रेड्डी को ‘टाइगर लीडर’ बताया।
भाषा राजकुमार