रास में नहीं थमा हंगामा, एक बार के स्थगन के बाद बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित
मनीषा अविनाश
- 06 Aug 2025, 03:01 PM
- Updated: 03:01 PM
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर तीस मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जब बैठक शुरू हुई तो पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता की अनुमति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘‘बजट मणिपुर (2025-26)’’ सदन के पटल पर रखा।
इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आ कर ‘वोट की चोरी बंद करो’ तथा ‘एसआईआर पर चर्चा हो’ जैसे नारे लगाने लगे।
हंगामे के बीच ही उच्च सदन में समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक 2025 पर चर्चा को आगे बढ़ाया गया। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 23 जुलाई को यह विधेयक विचार एवं पारित करने के लिए उच्च सदन में पेश किया था।
विधेयक पर भाजपा के संजय सेठ और राजीव भट्टाचार्जी तथा टीएमसी (एम) सदस्य जी के वासन ने इसका समर्थन करते हुए अपनी बात रखी।
पीठासीन अध्यक्ष ने विधेयक पर बोलने के लिए कांग्रेस के नीरज डांगी, बीजद के नजीबुल्ला खान, राकांपा की फौजिया खान और भाकपा के पी संदोष कुमार का नाम भी पुकारा। फौजिया खान और नजीबुल्ला खान सदन में नहीं थे जबकि अन्य सदस्यों ने एसआईआर पर चर्चा की मांग उठाई।
हंगामे के बीच कुछ सदस्यों ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया तब पीठासीन अध्यक्ष कालिता ने कहा कि वह व्यवस्था के प्रश्न की अनुमति तब देंगे जब सदन में व्यवस्था होगी। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने तथा कार्यवाही सामान्य तरीके से चलने देने को कहा।
आसन की अनुमति मिलने पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि नियम सबके लिए एक समान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां से व्यवस्था का प्रश्न उठाने पर आसन की ओर से कहा जाता है कि व्यवस्था के प्रश्न की अनुमति तब दी जाएगी जब सदन में व्यवस्था होगी। ‘‘लेकिन दूसरी ओर सत्ता पक्ष के सदस्य बोल रहे हैं।’’
इस पर सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि हंगामे के बीच व्यवस्था का प्रश्न कैसे होगा। उन्होंने कहा कि आसन का निर्णय सर्वोच्च है।
आईयूएमएल के हारिस बीरन ने कहा कि एसआईआर के मुद्दे पर सदस्य चर्चा चाहते हैं, इस पर चर्चा क्यों नहीं की जा रही है। कालिता ने उनसे मूल विषय पर बोलने के लिए कहा।
माकपा के वी शिवादासान ने कहा कि इस महत्वपूर्ण विधेयक पर इतने हंगामे के बीच चर्चा कैसे की जा सकती है।
चर्चा पूरी होने के बाद पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। लोकसभा में यह विधेयक 28 मार्च को पारित हुआ था।
हंगामे के बीच विधेयक पारित होने के बाद दोपहर दो बज कर तीस मिनट पर उच्च सदन की बैठक बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
भाषा
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